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केंद्र के अधिकारियों की बल्ले-बल्ले, इतने लाख तक की कीमत के गैजेट्स रख सकेंगे पास

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केंद्र सरकार के अधिकारियों को मिली बड़ी सुविधा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अधिकारी 1.3 लाख रुपए तक की कीमत के मोबाइल, लैपटॉप या इसी तरह के अन्य इलेक्ट्रानिक गैजेट्स को रख सकेंगे। चार साल बाद तक इन गैजेटे्स का वह निजी तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग इस बारे में दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार, पात्र अधिकारी आधिकारिक कामकाज के लिए इतने मूल्य का मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, फैबलेट, नोटबुक, नोटपैड, अल्ट्रा-बुक, नेट-बुक या अन्य इलेक्ट्रानिक गैजेट्स ले सकते हैं।

क्या हैं दिशानिर्देश

दिशानिर्देशों के अनुसार, केंद्र सरकार के उप-सचिव और इससे ऊपर के स्तर के सभी अधिकारी ऐसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के पात्र होंगे। अनुभाग अधिकारियों और अवर सचिवों के मामले में स्वीकृत क्षमता के 50 प्रतिशत अधिकारियों को ऐसे उपकरण जारी किए जा सकते हैं। उपकरण की कीमत के बारे में कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि यह एक लाख रुपए और कर हो सकती है। 

हालांकि, ऐसे गैजेट्स जिनमें 40 प्रतिशत से अधिक मेक-इन-इंडिया कलपुर्जों का इस्तेमाल हुआ है, उनके मामले में यह सीमा 1.30 लाख रुपए और कर होगी। इसमें कहा गया है, ‘अगर किसी मंत्रालय/विभाग में अधिकारी को पहले से ही एक गैजेट्स आवंटित हैं, तो उसे चार साल तक नया उपकरण जारी नहीं किया जा सकता। हालांकि, उपकरण के किफायती रूप से मरम्मत के योग्य नहीं रहने पर ‘अपवाद’ होगा। इसमें कहा गया है कि अधिकारी चार साल के बाद इस उपकरण को अपने पास रख सकता है। कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ‘संबंधित मंत्रालय/विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपकरण को अधिकारी को रखने के लिए सौंपने से पहले इसमें से पूरा डेटा साफ कर दिया गया है। 21 जुलाई, 2023 के इस कार्यालय ज्ञापन के बाद 27 मार्च, 2020 को जारी आदेश हट जाएगा। इसमें ऐसे उपकरणों की कीमत 80,000 रुपये तय की गई थी और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपकरणों को रखने का कोई प्रावधान नहीं था। (इनपुट: भाषा)

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महाराष्ट्र में गणेश विसर्जन की धूम, भक्तों की लगी भीड़

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महाराष्ट्र में गणेश विसर्जन की धूम

महाराष्ट्र: पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम के साथ गणेश विसर्जन का त्योहार मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र की सड़कों पर भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। विसर्जन के दौरान अभिनेता और नेता से लेकर आम आदमी, हर कोई धूम-धाम के साथ अपने प्यारे गणपति को विदाई देता है और उनसे अगले साल फिर से आने के लिए आग्रह करता है।

मुंबई में विसर्जन की धूम

आज अनंत चतुर्दशी है और ऐसे पावन मौके पर पूरे महाराष्ट्र में गणपति बप्पा को विदाई देने के लिए लोग अपने घरों से निकलकर चौपाटी पहुंच रहे हैं। इस दौरान लोग बड़े मंडलों समेत ङर घर में विराजे गणपति बप्पा की मूर्तियां लेकर चौपाटी में विसर्जन के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान चौपाटी पर भक्तों की काफी भारी भीड़ देखने को मिल रही है।

चौपाटी पर भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने एंट्रेंस पर बैरिकेंडिंग कर दी है। इसके अलावा पुलिस ने दादर चौपाटी पर नजर रखने के लिए एक वाच टावर भी बनाया है। मूर्तियों के विसर्जन के लिए चौपाटी पर लाइफ गार्ड और वालंटियर मौजूद हैं। 

महाराष्ट्र के पूर्व CM भी विसर्जन करने पहुंचे

गणपति बप्पा को विदाई देने के लिए हर कोई चौपाटी पहुंच रहा है। इस दौरान महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान भी अपने परिवार के साथ गणपति बप्पा का विसर्जन करने पहुंचे। अशोक चौहान ने अपने परिवार के साथ गणपति बप्पा के जयकारे लगाते हुए उन्हें विदाई दी।

आपको बता दें कि गणपति बप्पा को विदाई देने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि, बप्पा को विदाई देते समय काफी दुख हो रहा है।

नागपुर में विसर्जन शुरू

नागपुर शहर में प्रशासन ने गणपति विसर्जन के लिए लोगों को 2 बजे का समय दिया था। 2 बजते ही पूरे शहर में गाना और बाजे के साथ सभी भक्त भगवान गणेश की विदाई के लिए निकल गए। 

इस साल नागपुर में करीब 3 लाख घरों में भगवान गणेश विराजमान थे। इसके अलावा करीब 1212 सार्वजनिक मंडलों में भगवान गणेश की स्थापना की गई थी। 

नागपुर के राजा रेशम बाग से विसर्जन के लिए निकले

जिस तरह एक राजा शहर का भ्रमण करने के लिए निकलता है और उसे देखने के लिए जनता सड़क किनारे खड़ी रहती है, कुछ इसी तरह का दृश्य दिखा जब रेशम बाग के पंडाल से नागपुर के राजा विसर्जन के लिए निकलें। 1 बजे शुरू हुई इस यात्रा के दौरान नागपुर के राजा करीब 22 किमी की यात्रा तय कर विसर्जन के लिए जाएंगे।

आपको बता दें कि नागपुर के राजा की विशेषता यह है कि हर साल उनकी ऊंचाई एक इंच बढ़ा दी जाती है। यह उनका 26वां वर्ष है। नागपुर के राजा का स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है और अगले बरस तू जल्दी आ के नारों के साथ लोग हाथ जोड़कर उन्हें विदाई देते हैं।

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First Aid for Heart Attack | हार्ट अटैक आने पर ऐसे करें फस्ट एड | हार्ट अटैक का प्राथमिक उपचार क्या है?

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दिल का दौरा पड़ने पर 15 मिनट या इससे ज्यादा देर तक चेस्ट पेन हो सकता है. कुछ लोगों को यह दर्द हल्का होता है जबकि कुछ लोग तेज दर्द महसूस करते हैं. यह असहजता आम तौर पर लोगों को दिल पर दबाव या भारीपन के रूप में महसूस होती है. हालांकि कुछ लोगों को इस तरह के कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं. औरतों में लक्षण और भी अलग किस्म के जैसे उल्टी या बैक पेन के रूप में सामने आते हैं.

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क्या होता है जब हार्ट अटैक आता है (Symptoms of Heart attack)


किसी को जब दिल का दौरा (Heart attack) पड़ता है तो सामान्य तौर पर छाती में दर्द, दबाव, टाइटनेस या छाती के सेंटर में भिंचे जाने या तेज दर्द का अनुभव होता है. दर्द और डिसकफंर्टनेस कंधों, बाहें पीठ, गर्दन, जबड़े, दांतों और कभी कभी पेट के ऊपरी भाग में फैलता महसूस होता है. उलटी, अपच, हार्ट में जलन या पेट में दर्द महसूस हो सकता है. सांस उखड़ने लगती है. पसीना आने लगता है और चक्कर या बेहोशी महसूस होती है.

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क्या करें जब किसी को दिल का दौरा पड़े (First Aid for Heart attack)

1. आपातकालीन नंबर पर कॉल करें (Call Emergency Number)

अगर आप में या किसी और में हार्ट अटैक लक्षण नजर आएं तो उनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए, सबसे पहले आपातकालीन नंबर पर कॉल कर मेडिकल सेवा या एंबुलेंस बुलानी चाहिए. ऐसी सुविधा नहीं न तो तो किसी दोस्त, परिचित या पड़ोसी की मदद से तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचने की व्यवस्था करें

2. एस्प्रिन चबाएं और निगल लें (Chew Aspirin)

आपातकालीन सेवा के आप तक पहुंचने तक  एस्प्रिन ब्लड को क्लॉट होने से रोकने में मदद कर सकती है. यह हार्ट अटैक के डैमेज को कम कर सकती है. हालांकि एस्प्रिन से एलर्जी होने के मामले में इसे नहीं लेना चाहिए.

3. नाइट्रोग्लिसरीन लें (Take Nitroglycerin)

अगर आपको लगता है कि आपको हार्ट अटैक आया है और आपके डॉक्टर ने आपको नाइट्रोग्लिसरीन प्रिस्क्राइब किया है तो तत्काल नाइट्रोग्लिसरीन लें.

4. अगर पीड़ित बेहोश है तो सीपीआर दें (Being CPR if person is unconscious)

अगर पीड़ित बेहोश् हो गया हो, सांस नहीं ले पा रहा हो या उसकी पल्स नहीं चल रही हो तो तो उसे सीपीआर देना चाहिए.

5. एइडी का उपयोग( Use AED)

अगर एइडी उपलब्ध हो तो डिवाइस के इंस्ट्रक्शन को फॉलो करते हुए उसे उपयोग करना चाहिए.

Gym से पहले कर लिया ये काम, तो कोसों दूर रहेगा Heart Attack | Dr Vikas Thakran (Cardiology), Watch Video- 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)



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MP में भाजपा ने क्यों उतारे बड़े-बड़े दिग्गज? कैलाश विजयवर्गीय ने खुद बताया ‘अपराजेय’ वाला फॉर्मूला

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MP chunav news: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की। 39 सीटों पर कई दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इनमें तीन केंद्रीय मंत्री, चार सांसद और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, दूसरी लिस्ट देखकर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आश्चर्यचकित हो गए थे। एक सूत्र ने बताया कि अब अगला सीएम कौन बनेगा यह बताया नहीं जा सकता। पहली लिस्ट में 39 और दूसरी में भी 39 सीटें पर नाम के ऐलान के बाद पार्टी के अंदर और बाहर खुसुर-फुसुर तेज हो गई है। ऐसे में भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने खुद बताया कि पार्टी ने यह फैसला क्यों लिया है।

भाजपा का अपराजेय’ वाला फॉर्मूला

कैलाश विजयवर्गीय ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए इंटरव्यू में बताया कि यह फैसला पार्टी नेतृत्व का है। दूसरी लिस्ट में जिन 8 सीनियर नेताओं (तीन केंद्रीय मंत्री, चार सांसद और कैलाश विजयवर्गीय) के नाम का ऐलान किया गया है वो कभी भी चुनाव नहीं हारे हैं। पार्टी ने हम लोगों को इसलिए चुनावी मैदान में उतारा है कि हम भाजपा की जीत को सुनिश्चित कर सकें।

बताया 2024 का भी प्लान

कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि इससे यह पता चल रहा है कि भाजपा इस चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रही है। चुनाव में हम सब एक टीम की तरह मैदान में उतरेंगे और सरकार बनने के बाद भी एक टीम की तरह ही काम करेंगे। फिर हम लोग अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पीएम बनाएंगे।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में भाजपा ने दो लिस्ट में कुल 78 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और सीएम शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। भाजपा ने यही प्लान त्रिपुरा चुनाव में भी अपनाया था जहां माणिक साहा और प्रतिमा भौमिक दोनों को चुनावी समर में उतारा गया था।



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