काबुल : अफगानिस्तान के एक स्कूल पर भयानक आतंकवादी हमले की खबर आ रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें 24 लोगों की मौत हुई है जिसमें ज्यादातर स्कूली छात्र थे। हमला पश्चिमी काबुल के दश्ते बरची में स्थित एक शैक्षिक संस्थान पर हुआ है। दावा किया जा रहा है कि इसे इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत ने अंजाम दिया है कि जिसमें ज्यादातर हजारा और शिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया। इससे पहले भी अप्रैल में काबुल के दो शैक्षिक संस्थानों में विस्फोट हुए थे जिसमें छह लोगों की मौत और कई घायल हो गए थे। ये दोनों स्कूल भी काबुल के दश्ते बरची इलाके में स्थित थे।
अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने अपने ट्वीट थ्रेड में इस हमले की जानकारी दी है। उन्होंने दावा किया कि काज उच्च शिक्षा केंद्र पुलिस स्टेशन 13 से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। उन्होंने कहा कि वतन हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने अस्पताल के अंदर कई शवों की पुष्टि की है। सरवरी ने कहा कि इलाके में समुदाय के एक नेता ने मुझे बताया कि मैंने अब तक 24 शवों की गिनती की है। उनमें से ज्यादातर मृतक युवा छात्र थे जिनके लिए उनके माता-पिता एक बेहतर भविष्य चाहते थे। निशाने पर शिया और हजारा समुदाय सरवरी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘दश्ते बरची के एक सामुदायिक नेता ने मुझसे कहा कि तालिबान पिछले एक साल में हमारे लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहा है। हमले के बाद एंबुलेंस काफी देर बाद पहुंची। स्थानीय लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की।’ द खुरासन डायरी ने दावा किया कि यह धमाका तब हुआ जब छात्रों की परीक्षा चल रही थी। सरवरी ने दावा किया कि सभी मृतक शिया और हजारा समुदाय के सदस्य थे।
अंकारा/दमिश्क: रिक्टर पैमाने पर 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया में 1,621 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 5,000 अन्य घायल हो गए। इस बीच जानकारी है कि एक और भूकंप ने तुर्की को हिला दिया है। तुर्की के AFAP आपातकालीन प्राधिकरण और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सेवा ने दक्षिण-पूर्व तुर्की में 7.5 तीव्रता के नए भूकंप के बारे में सूचना दी है। भूकंप दोपहर 1:24 बजे एकिनोजू शहर से चार किमी दूर दक्षिण पूर्व में आया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। तुर्की के उप-राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 912 हो गई है। इस बीच, सीरियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अलेप्पो, हमा, टार्टस और लताकिया के क्षेत्रों से अब तक 467 लोगों के हताहत होने की सूचना है। तुर्की में घायलों की संख्या 2,323 है, जबकि सीरिया ने 639 की सूचना दी है। तुर्की के शहर गाजियांटेप के पास 17.9 किमी की गहराई में सुबह 4.17 बजे आए शक्तिशाली भूकंप के झटके लेबनान और साइप्रस में भी महसूस किए गए। मीडिया को दिए एक बयान में, तुर्की के आंतरिक मंत्री सुलेमोन सोयलू ने कहा कि गाजि़यांटेप, कहारनमारस, हटे, उस्मानिया, आदियामन, मालट्या, सनलीउर्फा, अदाना, दियारबाकिर और किलिस के 10 शहर प्रभावित हुए हैं। मंत्री ने कहा कि गजियांटेप के उत्तर-पूर्व में मालट्या प्रांत में कम से कम 23 लोग मारे गए, पूर्व में सान्लिउर्फा में 17 लोगों की मौत हुई, बाकी लोगों की मौत दियारबाकिर और उस्मानिया में हुई।
बढ़ रही मरने वालों की संख्या
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया के उप स्वास्थ्य मंत्री अहमद दामिरियाह ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों को उपलब्ध कराने के लिए सामान्य आपातकालीन योजनाओं को लागू किया गया है और निजी अस्पतालों से कहा गया है कि वो घायलों का इलाज करें। परिवहन मंत्रालय ने एहतियात के रूप में रेलवे नेटवर्क के पुलों और पटरियों के निरीक्षण तक रेल यातायात को निलंबित करने की घोषणा की है। दोनों पड़ोसी देशों के अधिकारियों को मरने वालों की संख्या में वृद्धि की आशंका है। कई इमारतें ढह गई हैं और मलबे के ढेर के नीचे बचे लोगों की तलाश के लिए बचाव दलों को तैनात किया गया है।
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हर 10वें मिनट मिल रहा एक शव
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने तुर्की के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) के हवाले से बताया कि शुरुआती भूकंप के बाद सुबह 4.26 बजे रिक्टर पैमाने पर 6.4 तीव्रता का एक और भूकंप आया। एएफएडी ने कहा कि कम से कम 50 झटके दर्ज किए गए। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में लगातार शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। हर दसवें मिनट पर एक शव बरामद हो रहे हैं। दर्जनों लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय अस्पताल पूरी तरह से भर गए हैं।
तुर्की में एक बार फिर से भयानक भूकंप आया है। तुर्की की अनादोलू समाचार एजेंसी ने देश की आपदा एजेंसी का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी कि दक्षिणी तुर्की में कहारनमारास प्रांत में एलबिस्तान जिले में 7.6 तीव्रता का एक और भूकंप आया है। बता दें कि आज सुबह स्थानीय समय अनुसार 4:17 बजे तुर्की में बेहद शक्तिशाली भूकंप आया था। इस भूकंप की भी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 आंकी गई थी।
भूपंके के ये झटके ना सिर्फ तुर्की में दोबारा आए हैं बल्कि सीरिया में भी दमिश्क, लताकिया और अन्य सीरियाई प्रांतों में भी दोबारा आए हैं। सीरिया की साना समाचार एजेंसी की रिपोर्ट ने सीरिया में आज दोबारा भूकंप की खबर दी है।
तुर्की में सुबह के भूकंप की तीव्रता रही 7.8
बता दें कि आज सुबह तुर्की के दक्षिण में गाजियानटेप के पास आया भूकंप कितना विनाशकारी था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 दर्ज की गई। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जिओ साइंस GFZ के अनुसार भूकंप का केंद्र जमीन से 18 किलोमीटर नीचे था। भूकंप से तुर्की के दक्षिण पूर्वी इलाके और सीरिया में भी भारी तबाही मची है।
1300 से ज्यादा लोगों की गई जान
न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फिलहाल ये संख्या 1300 का आंकड़ा पार कर गई है। इसके अलावा 5 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। बता दें कि तुर्की में कम से कम 6 बार तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इरदुगान ने लोगों से अपील कर कहा कि वे क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश न करें।
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कह रहे हैं कि देश को भीख मांगने की आदत बंद करनी होगी। उन्होंने यह मान लिया है कि देश एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में है। पाकिस्तान के पास डॉलर नहीं बचा है और विदेशी मुद्रा भंडार बस कुछ ही दिन का बचा है। ऐसे में स्थिति और विकट हो सकती है। देश की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी पहले ही बंद हो चुकी है। अब बाकी चीजों के आयात का क्या होगा कोई नहीं जानता है। हर कोई जानना चाहता है कि देश का भविष्य क्या होगा और आने वाले दिन कैसे होंगे। अगर पाकिस्तान कंगाल हो गया तो फिर क्या होगा। दिसंबर में ही बढ़ा कंगाली की तरफ दिसंबर 2022 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार पांच अरब डॉलर पर पहुंच गया था। साथ ही इसके कंगाल होने का खतरा भी बढ़ गया था। विशेषज्ञों की मानें तो लोग इस बात की संभावना से इनकार करते रहे कि देश कंगाल होने पर पहुंच गया है। सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) की तरफ से फैसला लिया गया कि आयात के लिए जरूरी लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) को इस तरह से ओपन किया जाएगा कि डॉलर के रिजर्व को लंबे समय तक के लिए बचाकर रखा जा सके।
इसका मकसद यह था कि सरकार को कुछ समय मिल सके औ वह मित्र देशों की मदद हासिल कर सके। साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से बेलआउट पैकेज हासिल करना भी था। आईएमएफ की तरफ से मिलने वाले बेलआउट पैकेज का नौंवी बार रिव्यू किया जाएगा। पाकिस्तान का रुपया एतिहासिक तौर पर गिर रहा है। पिछले हफ्ते इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। इस वजह से बाजार भी आशंकित हो गया। Pakistan IMF Loan: आईएमएफ की रकम से सिर्फ नाश्ता कर पाएगा पाकिस्तान, पहाड़ जैसे कर्ज संकट में राई के दाने बराबर जितनी मदद IMF की टीम इस्लामाबाद में आईएमएफ की टीम इस समय इस्लामाबाद में है। यह टीम रिव्यू को देखेगी। माना गया था कि रिव्यू सही समय पर पूरा हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अब देश पर संकट गहरा गया है। नवंबर 2022 के मध्य से लेकर जनवरी के अंत तक पाकिस्तान का संकट दिन पर दिन गहरा हुआ है। अब कई लोग समझ रहे हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कंगाली की तरफ बढ़ रही है। पाकिस्तान जैसे देश के लिए वाणिज्यिक ऋणों में बड़े जोखिम के लिए डिफॉल्ट होने या कंगाल होने मतलब वाणिज्यिक ऋण के खिलाफ चूक करना है। द्विपक्षीय ऋण को वापस लिया जा सकता है लेकिन बहुपक्षीय कर्ज मैच्योरिटी पर निर्भर करते हैं। इन्हीं बहुपक्षीय कर्जों की वजह से किसी देश पर मुसीबत आती है। Pakistan Economy Crisis: पाकिस्तान के पास है वह खजाना जो एक झटके में दूर कर देगा इसकी गरीबी, हर साल होगी 100 अरब डॉलर की कमाई जीरो प्रोडक्शन और खस्ता हालत अगर पाकिस्तान का मुद्राभंडार गिरता है तो फिर सेंट्रल बैंक पेमेंट नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह से मूडीज और एस एंड पी जैसी एजेंसियां देश की रेटिेंग गिरा देंगी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान पर किसी को भरोसा नहीं रहेगा और वह अपनी विश्वसनीयता गंवा देगा। पाकिस्तान पर इतना ज्यादा कर्ज है कि उसके पास डॉलर का भंडार कम हो गया है। ऐसे में वह सिर्फ उतना ही सामान आयात कर सकता है जितना की निर्यात। यह देश विदेशों में बसे उन पाकिस्तानियों पर भी निर्भर है जो डॉलर भेजते हैं। पाकिस्तान को अपना चालू खाता जीरो पर रखना होगा। पाकिस्तान के लिए कई ऐसे आयात हैं जिन्हें वह झेल नहीं सकता है। ऐसे में निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा। अर्थव्यवस्था में प्रोडक्शन जीरो हो जाएगा। ऐसे में नतीजे स्वाभाविक तौर पर बहुत ही खराब होंगे।
महंगाई और बेरोजगारी का ही राज पाकिस्तानी रुपए की ताकत खत्म हो जाएगी और वह दुनिया में प्रतिष्ठा गंवा देगा। महंगाई आसमान पर होगी और जिनके पास स्थानीस मुद्रा होगी, वो भी बेकार साबित होंगे। प्रोडक्शन नहीं होने की वजह से अर्थव्यवस्था और सिमट जाएगी। कुछ लोगों के पास पैसा होगा लेकिन वो कुछ खरीद नहीं सकेंगे। ऐसे में बेरोजगारी सर्वोच्च स्तर पर होगी। साल 2022 में श्रीलंका में सही स्थिति थी। श्रीलंका ने सात अरब डॉलर के विदेशी कर्ज की अदायगी को रोक दिया था। उस पर करीब 51 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज हो गया था। जबकि मुद्रा भंडार 25 मिलियन डॉलर ही बचा था। पाकिस्तान के पास तीन अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। उस पर 125 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। दिसंबर 2022 में ही यह देश श्रीलंका के रास्ते पर बढ़ गया था।