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कश्मीर में सेना अधिकारियों के शहीद होने के बाद फारूक अब्दुल्ला की मांग

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Image Source : INDIA TV
फारूक अब्दुल्ला

श्रीनगर: अनंतनाग के गाडोले इलाके में बुधवार को आतंकियों के हमले में तीन जवान शहीद हो गए। इसमें दो जवान सेना में अधिकारी थे बल्कि एक जम्मू-कश्मीर पुलिस में डीएसपी पड़ पर तैनात थे। इनकी शहादत के बाद पूरा देश गुस्से में उबल रहा है। जवानों के घरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। हमले के बाद सेना और पुलिस आतंकियों की तलाश में अभियान चला रही है। लेकिन ख़राब मौसम  की वजह से कई बार अभियान में रूकावट आ रही है। अभी जवानों की चिता की राख ठंडी भी नहीं हुआ है लेकिन राजनीति शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मिएर के राजनीतिक दल अपनी राजनीति चमकाने जुट गए हैं। 

अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत करने की फिर वकालत की 

नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पड़ोसी देश पाकिस्तान से बातचीत करने की फिर वकालत की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, जब तक पाकिस्तान से बातचीत नहीं होगी, ऐसे घटनाएं होती रहेंगी। इसलिए पाकिस्तान से बातचीत करना बेहद जरूरी है। तब ही घाटी में अमन कायम हो सकता है। फारूक अब्दुल्ला की तरह ही सैफुद्दीन सोज ने भी यही कहा कि पाकिस्तान से बातचीत जरूरी है। भारत सरकार को चाहिए कि वह बातचीत का सिलसिला शुरू करें।

पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री- बीजेपी 

फारूक अब्दुल्ला और सैफुद्दीन सोज के इस बयान पर बीजेपी और जेडीयू ने पलटवार करते हुए कहा पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री है। उनसे कोई बातचीत नहीं हो सकती है। इस तरह के होने वाले हमलों का जवाब हमारी सेना वक्त पर देगी। बीजेपी के सीनियर नेता सूफी यूसुफ ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद दिल्ली और श्रीनगर में हुई सफल जी-20 की बैठक से पाकिस्तान घबरा गया है। उन्हें यहां अमन की हवा  रास नहीं आ रही है। सूफी यूसुफ ने कहा, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करेंगे कि पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक होनी चाहिए।

ऐसे समय पर पॉलिटिकल पार्टियों के नेताओं के बयानों से लोगों में काफी आक्रोश दिखा। इंडिया टीवी से बात करते हुए हुमायूं भट के रिश्तेदारों और आम लोगों ने कहा, परिवार के लिए यह एक बड़ा सदमा है कि उनका जवान बेटा जिसका महज 1 महीने का बच्चा है। वह शहीद हुआ है। उसने देश के लिए अपनी जान दी है। इस पर गर्व करने के बजाय पॉलिटिकल पार्टियां राजनीति कर रही हैं। जबकि ऐसे समय पर परिवार वालों को हौसला देना, उनके दुख में शामिल होना चाहिए। लेकिन यह सभी लोग अपनी वोट बैंक की सियासत कर रहे हैं।

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मणिपुर हिंसा का फायदा उठाकर राष्ट्र विरोधी षडयंत्र रचने के आरोपी को NIA ने किया गिरफ्तार

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली :

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के मामले में शनिवार को सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार कर लिया. उसे एनआईए ने मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर जिले से गिरफ्तार किया. उस पर आरोप है कि वह म्यांमार और बांग्लादेश के आतंकी संगठनों के नेतृत्व में रची गई एक अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल है. मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर यह साजिश रची गई थी. एनआईए ने 19 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली में यह मामला दर्ज किया था.

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एनआईए को जांच से पता चला कि, म्यांमार और बांग्लादेश के उग्रवादी गुटों ने मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने के इरादे से हिंसा की घटनाओं में शामिल होने के लिए भारत में उग्रवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ साजिश रची. 

एनआईए को पता चला है कि इन गुटों का उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना है. इसके लिए इन समूहों का नेतृत्व हथियार, गोला-बारूद और आतंकवाद के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य प्रकार के सामान की खरीद के लिए धन मुहैया करा रहा है. यह सामान सीमा पार से और साथ ही भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों से हासिल किए जा रहे हैं. 

आरोपी सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तारी के बाद नई दिल्ली लाया गया है. उसे यहां अदालत में पेश किया जाएगा. मामले में आगे की जांच जारी है.

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कांग्रेस की रैली में सिद्धू मूसेवाला को RPG से उड़ाए जाने का था प्लान, लॉरेंस बिश्नोई का सनसनीखेज खुलासा

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बिश्नोई ने बताया कि मूसेवाला कांग्रेस में शामिल हो गया था और वह अक्सर कांग्रेस की रैलियों में भी जाता था। प्लान बनाया गया कि मूसेवाला पर आरपीजी हमला तब किया जाए, जब वह किसी रैली में हो।



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“पुलिस की कोई गलती नहीं” : अतीक अहमद हत्‍या मामले में UP सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

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उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि उसने अतीक अहमद की हत्या की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी है. (फाइल)

नई दिल्‍ली :

बाहुबली नेता अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल किया है.  हलफनामे में सरकार ने कहा है कि अतीक अहमद की हत्या में पुलिस की कोई गलती नहीं है. इसके साथ ही सरकार ने हलफनामे में यह भी कहा कि उसने अहमद सहित सात कथित फर्जी मुठभेड़ हत्याओं की जांच की है और निष्कर्ष निकाला है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं थी. 

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उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भी दोहराया कि उसने अतीक अहमद की हत्या की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उसकी पुलिस पर लगाए गए व्यापक आरोप झूठे हैं. साथ ही हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा है कि अतीक अहमद हत्याकांड वो में निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करेगी. 

यूपी सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उजागर की गई सात घटनाओं में से सभी घटनाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार पूरी की गई है. साथ ही कहा कि एनकाउंटर के जिन मामलों में जांच पूरी हो गई है, वहां मामले में पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं पाई गई है. 

विकास दुबे मौत मामले में क्‍या बोली सरकार?

सरकार की ओर से कहा गया कि विकास दुबे मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. चौहान कमीशन को बिकरू कांड और उसके बाद विकास दुबे और उसके कुछ सहयोगियों की मौत की जांच करने के लिए कहा गया था. विकास दुबे की मौत के मामले में जांच में किसी प्रकार का संदेह सामने नहीं आया है. 

त्‍वरित जांच और निपटारे के निर्देश 

साथ ही सरकार ने कहा गया कि पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए लोगों की त्वरित जांच और निपटारे के दिशा निर्देश दिए गए हैं. पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में की गई कार्यवाही में मारे गए अपराधियों के संबंध में दर्ज मामलों की जांच तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा चल रही जांचों के संबंध में सभी जोन/कमिश्नरेट से सूचना प्राप्त कर पुलिस मुख्यालय स्तर पर नियमित समीक्षा की जाती है. 

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