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कार्यक्रम का उद्घाटन 2 बच्चियों ने बटन दबाकर किया।
Highlights
कश्मीर के लंगेट पार्क में 108 फीट ऊंचा तिरंगा लहराया गया।
1976 में इसी जगह पर कुख्यात आतंकी मकबूल बट को पकड़ा गया था।
तिरंगे को लहराता देख स्थानीय निवासी काफी खुश नजर आए।
Kashmir Tiranga: जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार किसी सार्वजनिक पार्क में 108 फीट ऊंचा तिरंगा लहराया गया है। उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा के लंगेट इलाके में इतनी ऊंचाई पर लहराते तिरंगे को देखकर इलाके के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। अपने इलाके में 108 फीट ऊंचे तिरंगे को लहराते हुए देख लोग काफी खुश थे और यह खुशी उनके चेहरे पर भी नजर आई। सिविल इंतजामिया और सेना की मदद से एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें हर शख्स की जुबां पर ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा…’ ही छाया हुआ था।
2 बच्चियों ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन
कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर पी. के. पोले के साथ आई दो बच्चियों ने बटन दबाकर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी तादाद में स्कूली बच्चे बच्चे भी शामिल हुए और उन्होंने बगैर किसी डर के हाथ में तिरंगा लिया और उनके चेहरे पर मुस्कान बिखर गई। बता दें कि इसी जगह पर जगह लंगेट के लोगों ने 1976 में उस वक्त के कुख्यात आतंकी मकबूल बट को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था। मकबूल ने कई कश्मीरियों को बरगलाया था और उन्हें आतंक के रास्ते पर धकेला था।
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हंदवाड़ा के लंगेट पार्क में शान से लहराता तिरंगा।
कितना बड़ा आतंकी था मकबूल बट? मकबूल बट ने नेशनल लिबेरेशन फ्रंट (NLF) बनाया था औरउसके फ्रंट ने कई कश्मीरियों को बरगलाकर उन्हें आतंकी बनाया था। पाकिस्तान में उन्हें विस्फोट करने और छोटे हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी। मकबूल बट के बनाए इस संगठन ने कई हत्याएं और किडनैपिंग की। पकड़े जाने के बाद मकबूल बट को दिल्ली के तिहाड़ जेल भेज दिया गया और 11 फरवरी 1984 फांसी पर लटका दिया गया। लोगों द्वारा मकबूल भट को पुलिस के हवाले किए जाने के बाद भारत सरकार ने लंगेट के लोगों को यह पार्क बनाकर तोहफे में दिया था।
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कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों ने भी भाग लिया।
कश्मीर में सामान्य हो रहे हालात बता दें कि आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री ने हर घर तिरंगा मुहिम शुरू की। इस मुहिम के तहत पहली बार कश्मीर में जगह-जगह तिरंगे लहराए गए। कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से तेजी से हालात बदल रहे हैं और धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है।
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बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा है पुल रविवार को ताश के पत्तों की भरभरा कर गिर गया. 2014 में सीएम नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था. पुल के गिरने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दिख रहा है कि पुल के एक पिलर के 30 से अधिक स्लैब गंगा नदी में गिर रहे हैं. बता दें कि इस पुल के निर्माण का जिम्मा एक निजी कंपनी को दिया गया था. गौरतलब है कि पिछले साल 30 अप्रैल, 2022 को इसी पुल के पाया संख्या 405 और 6 के बीच का सुपर स्ट्रक्चर हवा के झोंके में गिर गया था. उस वक्त भी इस पुल के निर्माण कार्य पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे.
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फोर लेन का था ये पुल
मिल रही जानकारी के अनुसार सुल्तानगंज से खगड़िया के बीच बन रहा यह पुल फोर लेन का था. निर्माणाधीन इस पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर गया. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. पुल के हिस्से को नदी में गिरता देख घटना स्थल से कुछ दूरी पर खड़े लोगों में अफरा-तफरी मच गई.
बिहार सरकार ने दिए जांच के आदेश
भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने को लेकर बिहार सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. बिहार सरकार की तरफ से जारी एक बयान में गया है कि जांच के दौरान पुल के गिरने के कारणों को पता लगाया जाएगा साथ ही जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
डिजाइन को लेकर पहले से ही सवाल उठे थे – तेजस्वी यादव
भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि यह पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले 2022 में भी आंधी आने के कारण इसका ऊपरी हिस्सा गिरा था. उस समय विपक्ष में रहते हुए भी हमनें सवाल उठाया था. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से आईआईटी रूड़की को जांच सौंपा गया था जिस रिपोर्ट में कई बात बताई गई जिसके आधार पर कुछ निर्माण को तोड़ा भी गया था. पुल के डिजाइन को लेकर हमलोगों को आशंकाएं थी.
“डिजाइन को लेकर पहले से ही सवाल उठे थे”, भागलपुर में निर्माणाधीन पुल के गिरने पर बोले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव pic.twitter.com/vjIAOjTjVp
पुल गिरने को लेकर बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. बीजेपी ने एक बयान जारी करके कहा कि बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा है पुल जिस तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है. इस पुल के गिरने से सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार के भ्रष्टाचार का प्रमाण लेकर सामने आया है. ये कई सवाल पैदा करता है. ये ब्रिज कई वर्षों से बन रहा था और नीतीश कुमार जी का ड्रिम प्रोजेक्ट था, जिसे 2014 में शुरू किया गया था. इसमें लगातार लागत बढ़ाया गया. पिछले वर्ष भी आंधी आने से ये पुल गिर गया था. इस बार भी बगैर किसी वाहन के चले ही ये ब्रिज गिर गया. इससे ये तो साफ है कि किस प्रकार का घटिया काम, जो भ्रष्टाचार, चोरी और कमीशनखोरी के चलते किया गया है. बिहार में इस तरह के निर्माण का काम कई जगह पर हो रहा है. हम इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. नीतीश कुमार जी को इस हादसे की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.