नई दिल्ली: मोहम्मद अजहरुद्दीन को 2019 में हैदराबाद क्रिकेट संघ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल इस साल की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासक न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एल नागेश्वर राव की नियुक्ति के साथ समाप्त हुआ था। एचसीए का शीर्ष परिषद का कामकाज भी अंदरूनी कलह और अदालती मामलों से प्रभावित हुआ। एचसीए को देश के सबसे भ्रष्ट क्रिकेट संघों में से एक माना जाता है। अजहरुद्दीन ने वादा किया कि अगर वह पद पर दोबारा काबिज होते हैं तो एचसीए को भ्रष्टाचार की छाया से बाहर निकालने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं चुनाव लड़ूंगा जो 15 सितंबर तक होने की उम्मीद है। मुझे बहुत खुशी है कि ऐसा हुआ है (क्लबों पर रोक) क्योंकि पिछले 14 वर्षों से यही स्थिति बनी हुई थी। संघ को (क्लब सांठगांठ के कारण) काम करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। अब इसमें काफी सुधार होगा। मैं किसी क्लब का मालिक नहीं हूं। एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के तौर पर मुझे चुनाव लड़ने की अनुमति है।’
एचसीए को भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के तीन मैचों के अलावा दो अभ्यास मैचों की मेजबानी सौंपी गई है। अजहरुद्दीन का मुख्य ध्यान एचसीए को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाना होगा जिससे बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) से फंडिंग पर अधिक निर्भर नहीं रहना होगा। उन्होंने कहा, ‘सबसे बड़ी चुनौती खेल को बेहतर बनाना, सुविधाओं में सुधार करना है। हमें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। अन्य संघों के पास काफी फंड हैं। हैदराबाद को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा है और उसे बीसीसीआई पर निर्भर रहना पड़ा है।’
इस 60 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘हम स्थानीय लीग मैचों के लिए मैदान किराए पर लेने पर लाखों रुपये खर्च करते हैं और कभी-कभी वे मैदान मानक के अनुरूप नहीं होते हैं। जब सुविधाएं अच्छी नहीं होंगी तो क्रिकेट का स्तर भी नीचे जाएगा।’ उन्होंने कहा कि एसचीए में भ्रष्टाचार केवल प्रशासनिक स्तर तक ही सीमित नहीं है, यह चयन के मामलों में भी व्याप्त है। उन्होंने कहा, ‘जब एचसीए खेल में सुधार के लिए काम करेगा तो यह सब खत्म हो जाएगा। मेरे पिछले कार्यकाल के दो साल कानूनी लड़ाई में बर्बाद हो गए। कई तरह की समस्याओं के बावजूद मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मैदान पर हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।’
भारत ने शनिवार को एकतरफा मुकाबले में पाकिस्तान को 10-2 से हराकर सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है। गोल के अंतर से हॉकी के इतिहास में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ये सबसे बड़ी जीत है।
Image Source : TWITTER
Indian Men Badminton Team, Asian Games 2023
हांगझोउ में खेले जा रहे 19वें एशियन गेम्स में सातवां दिन भारत के लिए काफी यादगार रहा। आज के दिन भारत के लिए दो गोल्ड मेडल आए तो भारत की पुरुष हॉकी टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक 10-2 की जीत दर्ज की। वहीं टेबल टेनिस में महिला जोड़ी ने विश्व चैंपियन चीनी जोड़ी को हराया। स्क्वैश में पाकिस्तान को हराकर भारत ने गोल्ड जीता। इसके बाद शाम होते-होते भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने इतिहास रच दिया। भारतीय टीम ने रिपब्लिक ऑफ कोरिया को 3-2 से हराया और पहली बार एशियन गेम्स के इतिहास में फाइनल में जगह बनाई।
भारत को मिलेगा एशियाड का चौथा मेडल
1951 में पहली बार एशियन गेम्स आयोजित हुए थे। उसके 72 साल बाद अब पहली बार भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने फाइनल में जगह बनाई है। यानी भारतीय टीम ने अब अपना सिल्वर मेडल पक्का कर लिया है। यह पुरुष बैडमिंटन टीम इवेंट में भारत का चौथा मेडल होगा और पहला सिल्वर कम से कम होगा या पहला गोल्ड भी हो सकता है। पहली बार भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने 1986 में सियोल में सैय्यद मोदी के नेतृत्व में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। जबकि 1982 और 1974 में भी भारत ने इस प्रतियोगिता में कांस्य अपने नाम किया था।
सेमीफाइनल में हुई रोमांचक जंग
सेमीफाइनल मुकाबले में पांच मैच खेले गए जिसमें 3-2 से भारत ने कोरिया को मात दी। पहले मैच में वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट एचएस प्रणय ने कोरियाई प्रतिद्वंद्वी को पुरुष एकल में 18-21, 21-16, 21-19 से हराया। इसके बाद भारत की स्टार जोड़ी सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के हाथ निराशा लगी और भारत 2-0 की लीड नहीं ले पाया। भारतीय जोड़ी यहां 18-21, 21-16, 21-19 से हार गई।
Image Source : PTI
kidambi srikanth
फिर लक्ष्य सेन ने युंग्यू ली को 21-7, 21-9 से सीधे गेम में हराकर लीड को 2-1 कर दिया। उसके बाद अर्जुन मदाथिल रामचंद्रन और ध्रुव कपिला की भारतीय जोड़ी डबल्स में 16-21 और 11-21 से हार गई। स्कोर 2-2 था। अंत में भारत के किदांबी श्रीकांत ने 12-21, 21-16 और 21-14 से मैच जीतकर भारत को 3-2 से जीत दिला दी। अब फाइनल में भारत का सामना चीन से होगा जिसने सेमीफाइनल में जापान को 3-1 से मात दी।
जोस बटलर की अगुवाई में इंग्लैंड टीम अपने खिताब का बचाव करने उतरेगी। इंग्लैंड की टीम एक बार टाइटल जीतने के प्रबल दावेदार है, लेकिन टीम के लिए भारत की परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाना चुनौतीपूर्ण होगा।