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कड़ी धूप और बारिश से बचने के लिए बुजुर्ग ने भिड़ाया गजब का जुगाड़, देखें वीडियो

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शख्स ने गजब का जुगाड़ लगाकर बना डाली यूनिक साइकिल

दुनियाभर में जुगाड़ु लोगों की कोई कमी नहीं है, जो अपने हुनर से दुनिया को हैरत में डालने से नहीं चूकते. वहीं कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं, जो कबाड़ से भी कमाल की चीज बनाकर लोगों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर देते हैं. हाल ही में एक ऐसे ही बुजुर्ग शख्स का देसी जुगाड़ लोगों को सरप्राइज कर रहा है, जिसमें साइकिल के साथ गजब का जुगाड़ लगाकर शख्स ने कुछ नया ही इन्वेंट कर दिया.

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वीडियो में शख्स ने अपनी सुविधा के अनुसार जो तगड़ा दिमाग भिड़ाया है. वो यकीनन काबिले तारीफ है. वीडियो को देखकर आपको भी ऐसा ही लगेगा कि, आखिर बुजुर्ग ने नामुमकिन लगने वाली चीज को मुमकिन कैसे कर दिखाया. इस कमाल के वीडियो में देखा जा सकता है कि, कैसे शख्स ने आइडिया लगाकर धूप और बारिश से बचने के लिए अपने दो पहिया साइकिल को आरामदायक बना लिया. वीडियो में साइकिल को लकड़ी और पन्नी की मदद से चारों ओर से कवर कर लिया गया है, जिससे बुजुर्ग धूप और बारिश दोनों से खुद को सुरक्षित रख सकता है.

यहां देखें वीडियो

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर इस वीडियो को शेयर किया गया है, जिसे खूब देखा और पसंद किया जा रहा है. बुजुर्ग के इस गजब की तरकीब को देखकर यूजर्स भी उनके मुरीद हो गए हैं. इसी साल 13 मई को शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक 30 हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं. वीडियो देख चुके यूजर्स इस पर तरह-तरह के रिएक्शन देते हुए शख्स की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, ‘ये तो मॉडर्न कार बनाने के बेहद करीब हैं.’ वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा,  साइकिल स्पीड ब्रेकर क्रॉस करेगी तब क्या होगा?’

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फिल्म ‘Ajmer 92’ पर छिड़ी बहस, एक्टर बृजेंद्र काला ने दिया रिएक्शन

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Image Source : INDIA TV
Ajmer 92

Ajmer 92 controversy: बॉलीवुड में इन दिनों ऐसी फिल्मों की बाढ़ आ गई है जो किसी न किसी सच्ची घटना से संबंधित या उस पर आधारित होती हैं। हाल ही में रिलीज हुई ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर मेकर्स ने सच्ची घटना होने का दावा किया। फिर मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ पर भी काफी विवाद हुआ। वहीं अब 1992 में हुए अजमेर रेप केस पर फिल्म ‘अजमेर 92’ के ऐलान के बाद से विरोध शुरू हो गया है। जिस पर अब अभिनेता बिजेंद्र काला ने रिएक्शन दिया है। 

हमारे पास सेंसर बोर्ड है

थिएटर और फिल्म कलाकार बिजेंद्र काला ने कहा, “ना बैन होना चाहिए ना विरोध होना चाहिए, हमारे पास सेंसर बोर्ड है। वो जो सर्टिफिकेट देगा और फिल्म को पास करेगा तब समझ आएगा ना। यह कुछ धर्म विशेष ऐसा ही करते हैं, केरल स्टोरी देखिए कश्मीर फाइल्स देखिए ट्रेंड बन गया है।”

क्या है बिजेंद्र काला का रोल 

इसके आगे अपने किरदार पर बात करते हुए बिजेंद्र काला ने कहा, “मैंने फिल्म में पत्रकार के पिता का किरदार निभाया है जो इस केस का खुलासा करता है। मुझे समझ नहीं आता यही चीज जब टीवी शो या न्यूज चैनल पर खबर पर दिखाते हैं तो कोई रिएक्शन नहीं आता।”

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फिल्म को मनोरंजन रहने दें

फिल्मों पर होने वाले विवादें पर वह बोले, “हर मुद्दे पर फिल्म बनती है, तब उस पर नहीं कोई सोचता ऐसे ही मुद्दे पर फोकस करते हैं। इन लोगों के एक लिए स्क्रीनिंग भी रखनी चाहिए ताकि समझ जाएं। फिल्म को एंटरटेनमेट ही रहने दें प्रोपगंडा और अपनी राजनीति में शामिल ना करें।”

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JAC 9th Result 2023 Direct Link: झारखंड बोर्ड जैक 9वीं रिजल्ट जारी, 97.83 फीसदी पास

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JAC 9th Result 2023: झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने 9वीं कक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। विद्यार्थी अपना परिणाम www.jacresults.com पर जाकर चेक कर सकते हैं। कुल 97.83 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं। कोडराम का रिजल्ट 99.452 प्रतिशत नतीजों के साथ सबसे अच्छा रहा है। दूसरे नंबर पर 99.062 प्रतिशत रिजल्ट के साथ हजारीबाग और तीसरे पर ई सिंहभूम रहे हैं। सिंहभूम में 99.062 फीसदी बच्चे पास हुए।

Direct Link

जैक झारखंड 9वीं रिजल्ट – जिलों का नाम पास प्रतिशत

  1 कोडरमा 99.452 प्रतिशत

  2 हजारीबाग 99.062 प्रतिशत

  3 ई. सिंहभूम 98.759 प्रतिशत

  4 गिरिडीह 98.646 प्रतिशत

  5 बोकारो 98.616 प्रतिशत

  6 चतरा 98.501 प्रतिशत

  7 रामगढ़ 98.471 प्रतिशत

  8 रांची 98.431 प्रतिशत

  9 पलामू 98.293 प्रतिशत

  10 गुमला 98.243 प्रतिशत

  11 धनबाद 98.214 प्रतिशत

  12 गढ़वा 98.098 प्रतिशत

  13 सरायकेला 97.995 प्रतिशत

  14 गोड्डा 97.956 प्रतिशत

  15 सिमडेगा 97.376 प्रतिशत

  16 पाकुड़ 97.294 प्रतिशत

  17 खूंटी 97.170 प्रतिशत

  18 दुमका 96.916 प्रतिशत

  19 जामताड़ा 96.102 प्रतिशत

  20 साहेबगंज 96.064 प्रतिशत

  21 देवघर 95.964 प्रतिशत

  22 लोहरदगा 95.940 प्रतिशत

  23 लातेहार 95.649 प्रतिशत

  24 डब्ल्यू सिंहभूम 94.426 प्रतिशत

शनिवार को जारी किया गया था 8वीं का रिजल्ट

इससे पहले झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने शनिवार को आठवीं बोर्ड का रिजल्ट जारी कर दिया था। इसमें 94.94 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए थे। परीक्षा में 5,43,164 छात्र-छात्रा शामिल हुए, जिनमें 5,15,688 सफल रहे। फेल कर गए बच्चों के लिए जैक विशेष परीक्षा लेगा। इसके लिए जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा। 

अब 11वीं का परिणाम भी इसी सप्ताह तक जैक जारी कर देगा। रिजल्ट जारी होने के साथ 12 जून से स्कूल खुलने के बाद नामांकन का दौर शुरू होगा।

इससे पहले जैक झारखंड बोर्ड मैट्रिक का परिणाम घोषित हुआ था जिसमें 95.38 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए। झारखंड बोर्ड इंटर साइंस का रिजल्ट 81.45 फीसदी रहा था। 

JAC 9th Result 2023: झारखंड बोर्ड 9वीं रिजल्ट यहां चेक करें

इन वेबसाइट्स पर मिलेगा रिजल्ट


jac.jharkhand.gov.in

jac.nic.in

jacresults.com and

jharresults.nic.in



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World Brain Tumor Day 2023: ब्रेन ट्यूमर के लिए हर बार नहीं होती ऑपरेशन की जरूरत, जानिए क्या होता है Meningiomas

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क्या है मेनिनजियोमा और कैसे होता है इलाज.

World Brain Tumor Day: ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनकर ही दिल डर से भर जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ब्रेन ट्यूमर घातक नहीं होते. मेनिनजियोमा सबसे आम ब्रेन ट्यूमर (Types of tumor)  है, मेनिनजियोमा ट्यूमर अक्सर काफी सौम्य होते हैं, इसके लिए सर्जरी की आवश्यकता भी कम ही होती है. इसका मतलब ये इस तरह के ट्यूमर है, जिसका खतरा बाकियों की तुलना में कम होता है. आइए मेनिनजियोमा (Meningiomas) के बारे में सब कुछ जानते हैं.

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Meningiomas क्या है (What are meningiomas)

ये ट्यूमर मेनिन्जेस में सेल्स से उत्पन्न होता है, मेनिन्जेस मस्तिष्क और बैक बोन की परत होती है. इसलिए तकनीकी रूप से देखा जाए तो, ये ब्रेन ट्यूमर नहीं हैं क्योंकि वे म्यूटेटेड ब्रेन सेल्स की वजह से नहीं होते. अगर मेनिनजियोमा बढ़ता है या सूजन का कारण बनता है जो ब्रेन या स्कैल्प में अन्य संरचनाओं पर दबाव बढ़ता है, तो यह ब्रेन ट्यूमर के लक्षण पैदा कर सकता है.

साइज के आधार पर निर्भर करता है लक्षण (Symptoms of meningiomas)

मेनिंगिओमास में भी दूसरे ट्यूमर की तरह सिरदर्द, विजन प्रॉब्लम या दौरे के लक्षण होते हैं. बड़े मेनिनजियोमा मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) के प्रवाह को रोक सकते हैं, जिसकी वजह से ब्रेन में पानी बन सकता है जो याददाश्त को प्रभावित करता है.

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क्या है इलाज (Treatment of meningiomas)

डॉक्टर सीटी स्केन या एमआरआई के जरिए ट्यूमर का पता लगाते हैं. सिरदर्द या दूसरे लक्षण दिखने पर इस तरह के टेस्ट कराए जाते हैं. Meningiomas के मामले में डॉक्टर इसका साइज देख एडवाइज कर सकते हैं कि इसे सर्जरी कर हटाने की जरूरत है या नहीं. ये ट्यूमर आमतौर पर सौम्य होते हैं. इसका अर्थ है कि ट्यूमर कोशिकाओं के शरीर के अन्य भागों में फैलने की संभावना नहीं होती. मेनिनजियोमा चुपचाप बिना किसी समस्या के वर्षों तक बढ़ सकता है और कई बार इसके कोई लक्षण नहीं दिखते.

सर्जरी जरूरी होती है या नहीं (whether surgery is necessary)

मेनिनजियोमा की स्थिति और आकार पर निर्भर करता है कि ऑपरेशन होना चाहिए या नहीं. जरूरत होने पर इसे ऑपरेशन या फिर रेडिएशन थेरेपी से ठीक किया जाता है. अगर ऑपरेशन के बाद भी ट्यूमर पूरी तरह खत्म नहीं होता तो रेडिएशन थेरेपी आजमाई जाती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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