Connect with us

International

एक ‘भारतीय’ के पीएम बनने पर पाकिस्‍तान को क्‍यों हो रही है जलन, अचानक सुनक को क्‍यों बताने लगे पाकिस्‍तानी

Published

on


लंदन: भारतीय मूल के ऋषि सुनक अब दुनिया की एक महाशक्ति के प्रधानमंत्री हैं। वह अगले दो साल तक ब्रिटेन पर राज करेंगे और देश की अर्थव्‍यवस्‍था को ठीक करने की कोशिशें करेंगे। सुनक के प्रधानमंत्री बनते ही पाकिस्‍तान में भी जश्‍न मनाया जाने लगा। सोशल मीडिया पर लोग सुनक का पाकिस्‍तान का बताने लगे। सुनक का पीएम बनने निश्चित तौर पर एतिहासिक है। उनके पीएम बनने के साथ ही भारत- पाकिस्‍तान के बीच 75 साल पहले हुए बंटवारे का दर्द और दोनों देशों का इतिहास भी खबरों में आ गसा है। ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले गैर श्वेत प्रधानमंत्री है। इस पद पर आते ही भारत और पाकिस्तान एक गौरव साझा करने के लिए इतिहास के शिखर पर हैं। हालांकि उनमें से किसी ने भी इसमें भूमिका नहीं निभाई।

दोनों देशों से है सुनक का नाता
सुनक के दादा-दादी ब्रिटिश शासन वाले भारत में पैदा हुए थे लेकिन बंटवारे के बाद उनका जन्मस्थान गुजरांवाला आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चला गया। इस प्रकार, एक अजीब तरीके से नए ब्रिटिश नेता एक भारतीय और एक पाकिस्तानी दोनों है। अब तक, उनके वंश के बारे में बहुत कम विवरण सिर्फ सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।

ब्रिटेन में कड़वी राजनीतिक तकरार के बीच भारतीय और पाकिस्तानी दोनों ही उनके सत्ता में आने के बारे में अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। पाकिस्‍तान का शहर गुंजरावला देश का सांतवा सबसे ज्‍यादा आबादी वाला शहर है। 18वीं सदी में इसकी स्‍थापना हुई थी और यहीं पर सिख साम्राज्‍य के महाराजा रणजीत सिंह का जन्‍म हुआ था। बंटवारे के बाद यह उन शहरों में एक था, जहां जमकर हिंसा हुई थीं। दिवाली पर ब्रिटेन को मिला पहला हिंदू पीएम, दो साल पहले ऋषि सुनक ने डाउनिंग स्‍ट्रीट पर जलाये थे दीये
दादा थे गुंजरावाला के

ऋषि सुनक पंजाबी खत्री परिवार से आते हैं। ऋषि के दादा रामदास सुनक, गुंजरावाला में रहते थे जो बंटवारे के बाद पाकिस्‍तान में चला गया था। रामदास ने सन् 1935 में गुंजरावाला छोड़ा और वो क्‍लर्क की नौकरी करने के लिए नैरोबी आ गए। ऋषि की बायोग्राफी लिखने वाले माइकल एशक्रॉफ्ट ने बताया है कि रामदास सुनक हिंदू-मुसलमान के बीच खराब होते रिश्‍तों की वजह से नैरोबी गए थे। रामदास की पत्‍नी सुहाग रानी सुनक, गुंजरावाला से दिल्‍ली आ गई थीं और उनके साथ उनकी सास भी थी। इसके बाद वो सन् 1937 में केन्‍या चली गईं।

सुनक पर दावा करे पाकिस्‍तान
हालांकि पाकिस्तान में सुनक (42) के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने सरकार को उन पर अपना दावा करने का सुझाव दिया है। शफत शाह ने ट्वीट किया, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान को भी ऋषि सुनक पर दावा करना चाहिए क्योंकि उनके दादा-दादी गुजरांवाला से थे, जो वहां से केन्या और फिर ब्रिटेन चले गए।

ग्रैंड फिनाले नामक ट्विटर हैंडल वाले किसी व्यक्ति ने लिखा, ‘वाह…क्या जबरदस्त उपलब्धि है। एक पाकिस्तानी अब ब्रिटेन में सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाला है। विश्वास हो तो कुछ भी संभव है।’

अन्य लोगों ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान और भारत दोनों को नए ब्रिटिश नेता पर गर्व होना चाहिए। याकूब बंगाशी ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका में इस उम्मीद के साथ बिस्तर पर जा रहा हूं कि गुजरांवाला का पंजाबी सुबह ब्रिटेन का प्रधानमंत्री होगा। पाकिस्तान और भारत दोनों को इस पल पर संयुक्त रूप से गर्व होना चाहिए।’
रेस्तरां में वेटर से लेकर पीएम की कुर्सी तक… भारत के बेटे के हाथ में इंग्लैंड की कमान, ऋषि सुनक की ये 5 बातें आपको जाननी चाहिए
कोहिनूर लाया जाये वापस

जुल्फिकार जट्ट (35) ने कहा कि ऐसी भी आशंकाएं हैं कि दोनों देश इस दावे की होड़ में उतर सकते हैं कि सुनक उनकी जमीन का बेटा है। जट्ट ने कहा, ‘चूंकि गुजरांवाला पाकिस्तान में है, इसलिए जो 100 साल पहले इस शहर का था, वह आज पाकिस्तानी है।’ अख्तर सलीम जैसे अन्य लोग चाहते हैं कि सुनक कोहिनूर हीरे के बहुप्रतीक्षित मुद्दे को संबोधित करें। सलीम ने कहा, ‘चूंकि वह प्रधानमंत्री बनने वाले हैं, मुझे लगता है कि पाकिस्तान को उनसे कोहिनूर हीरा लौटाने के लिए कहना चाहिए जो लाहौर से चुराया गया था।’



Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

International

Israel Protests US: इजरायल किसी के दबाव में झुकने वाला देश नहीं… पीएम नेतन्‍याहू ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडेन को द‍िया करारा जवाब

Published

on

By


तेल अवीव: अमे‍रिका और इजरायल के बीच ऐसा लगता है कि आने वाले समय में टकराव बढ़ सकता है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू के बीच इस समय सबकुछ ठीक नहीं है। बाइडेन ने पीएम नेतन्‍याहू को उस विवादित न्‍यायिक सुधार प्रक्रिया को बंद करने के लिए कहा है जिसकी वजह से पूरे इजरायल में प्रदर्शन जारी हैं। नेतन्‍याहू ने इस 27 मार्च को प्रस्‍ताव को टाल दिया। देश की सड़कों पर लोगों के हुजूम ने उन्‍हें ऐसा करने पर मजबूर किया। लेकिन इससे पहले उन्‍होंने बाइडेन को जमकर सुनाया। व्‍हाइट हाउस की तरफ से सलाह दी गई थी कि नेतन्‍याहू को इस मसले पर झुक जाना चाहिए और अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। 28 मार्च को हुई एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में लेकिन बाइडेन ने इस मामले पर जो बयान दिया उसकी वजह से नेतन्‍याहू उनसे खासे नाराज हैं।

बाइडेन को मिला करारा जवाब

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘मुझे उम्‍मीद है कि वह इससे पीछे हट जाएंगे।’ नेतन्‍याहू की तरफ से एक प्रस्‍ताव लाया गया है जिसके बाद कानून में बदलाव किया जाएगा। इस नए प्रस्‍ताव के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों क नियुक्ति में पूरी तरह से इजरायल की सरकार का नियंत्रण हो जाएगा। नेतन्‍याहू ने तुरंत ही बाइडेन को जवाब दिया। उन्‍होंने कहा, ‘इजरायल एक संप्रभु देश है जो अपने फैसले जनता की इच्‍छा पर लेता है। देश के फैसले विदेश से पड़ने वाले दबाव के आधार पर नहीं लिए जाते हैं जिसमें हमारे सबसे अच्‍छे दोस्‍त भी शामिल हैं।’
Israel Protests: इजरायल में बेंजामिन नेतन्‍याहू ने रक्षा मंत्री को हटाया तो नाराज हुई जनता, सड़कों पर पीएम के खिलाफ उतरे लोग
बातचीत से निकालेंगे रास्‍ता

नेतन्‍याहू ने आगे कहा कि उनका प्रशासन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की तीनों शाखाओं के बीच संतुलन को बहाल करके ऐसा किया जाएगा। सुधार प्रक्रिया का लक्ष्‍य विस्‍तृत जनमत संग्रह के बाद ही हासिल किया जाएगा। उत्‍तरी कैरोलिना के दौरे पर बाइडेन ने इजरायल को चेतावनी दी थी कि वह इसी तरह से आगे नहीं बढ़ सकता है। उन्‍होंने इजरायल के हालातों पर चिंता भी जताई थी। इजरायली पीएम नेतन्‍याहू पर अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए इजरायली लोकतंत्र पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। इसके बीच ही देश में विवादित न्यायिक सुधार योजना को कैंसिल किए जाने के साथ ही प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ उलझे देश के राजनीतिक विपक्षियों ने बातचीत के लिए मंगलवार से दलों का गठन शुरू कर दिया है।
Pakistan News: नेतन्याहू की राह पर शहबाज! क्या इजरायल की तरह पाकिस्तान में भी घटेंगी न्यायपालिका की शक्तियां
प्रदर्शन से खतरे में आई अर्थव्‍यवस्‍था!
नेतन्याहू की न्यायिक सुधार योजना का देश में अभूतपूर्व तरीके से विरोध हो रहा था और लोगों के सड़कों पर उतरने के कारण घरेलू संकट की स्थिति बनने लगी थी। लेकिन यह समझौता बेहद दुराग्रही लग रहा है और नेतन्याहू की विरासत दांव पर लगी है। इजराइल किस प्रकार का देश होना चाहिए इस मौलिक मुद्दे को लेकर जारी गतिरोध के बीच इस समझौते से कुछ खास नहीं हुआ है और स्थितियां केवल कठोर दिखाई दे रही हैं।

Israel Judicial Reform: इजरायल में विवादित न्यायिक सुधार कानून निलंबित, आखिर नेतन्याहू को झुकना ही पड़ा
न्यायिक सुधार की योजना के खिलाफ पिछले तीन महीनों से हो रहा प्रदर्शन इस सप्ताह बहुत तेज हो गया, इजरायल के मुख्य ट्रेड यूनियन ने आम हड़ताल की घोषणा कर दी जिसके कारण अफरा-तफरी का माहौल बन गया और देश के ज्यादातर हिस्से बंदी की चपेट में आ गये, यहां तक कि अर्थव्यवस्था के ठप्प पड़ने का खतरा मंडराने लगा।

अब संसद में होगी चर्चा
नेतन्याहू ने सोमवार की रात अपने भाषण में स्वीकार किया कि देश में विभाजन की बातें उड़ रही हैं। इसके साथ ही इस कानून को लाने में एक महीने की देरी करने की घोषणा की। हालांकि, उसके कुछ ही घंटों के अंदर ही विशेषज्ञों ने कहा कि रक्षा मंत्री को पद से बर्खास्त किये जाने के बाद से हंगामा बढ़ा है और नेतन्याहू की लोकप्रियता उनकी अपनी लिकुड पार्टी में भी कम हो गई है। इन घटनाओं के कारण सबसे लंबे समय तक इजरायल का शासन चलाने वाले नेतन्याहू के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं। नेतन्याहू ने विधेयक को लागू करने की प्रक्रिया स्थगित करते हुए कहा था, ‘जब बातचीत के जरिये गृह युद्ध से बचने का अवसर है, तो मैं प्रधानमंत्री होने के नाते बातचीत के लिए समय निकाल रहा हूं।’ उन्होंने 30 अप्रैल से शुरू हो रहे संसद के ग्रीष्मकालीन सत्र में इसपर सहमति बनाने का संकल्प लिया।



Source link

Continue Reading

International

भारत, पाकिस्तान को झुलसा देगी गर्मी, पानी को तरस रहा पड़ोसी, विशेषज्ञों की चेतावनी

Published

on

By


इस्लामाबाद : फरवरी का महीना आमतौर पर जाती हुई ठंड के साथ बीतता है। लेकिन इस बार लोगों ने पसीना पोंछते हुए फरवरी को विदा किया। जलवायु परिवर्तन से यह हाल सिर्फ भारत का नहीं बल्कि पूरी दुनिया का है। विशेषज्ञों ने आने वाले महीनों में भारत, पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में भयानक गर्मी पड़ने की चेतावनी दी है। पिछले साल अप्रैल में ही क्षेत्र के कुछ हिस्सों का तापमान 40 से 50 डिग्री तक पहुंच गया था। ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से साल दर साल हीटवेव अधिक भीषण होती जा रही है जिससे बड़ी संख्या में लोग जान गंवाते हैं। MEER.org के मुख्य रणनीति अधिकारी पीटर डायन्स ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘इस बार की गर्मी भारत को इंसान के जीवित रहने की सीमा तक धकेल सकती है। भारत में फरवरी के सबसे गर्म रिकॉर्ड के अनुभव के बाद आने वाले हफ्तों में तापमान बढ़ने का अनुमान है।’ पीटर भले भारत का जिक्र कर रहे हों लेकिन उनकी चेतावनी पूरे क्षेत्र के लिए है जिसमें भारत के पड़ोसी देश भी शामिल है। उन्होंने लिखा, ‘अगर वैश्विक तापमान में वृद्धि जारी रहती है तो इस क्षेत्र में वेट-बल्ब (wet-bulb) का गंभीर खतरा है।’

Pakistan Economic Crisis: बर्बादी की ओर पाकिस्तान, कार कंपनी ने बंद किया प्लांट

क्या होता है वेट-बल्ब तापमान?

गर्मी और आर्द्रता की वह चरम सीमा जिसके आगे इंसान उच्च तापमान को सहन नहीं कर पाता, ‘वेट-बल्ब तापमान’ कहलाती है। पीटर ने लिखा, ‘सबसे खतरनाक वेट बल्ब घटनाओं में से एक वास्तव में शिकागो में हुई थी। 700 से अधिक लोग गर्मी और उमस की चपेट में आए थे जिसमें ज्यादातर बुजुर्ग और गरीब थे। 1995 की गर्मी की लहर अमेरिकी इतिहास में सबसे घातक जलवायु आपदाओं में से एक थी जिसमें संयुक्त रूप से सैंडी और हार्वे तूफान से 3 गुना ज्यादा लोग मारे गए थे।’

नक्शे में देखें कहां गर्मी का प्रकोप

पीटर ने गर्मी की भीषणता को दिखाने के लिए एक नक्शा शेयर किया है। इसमें दक्षिण-पश्चिम भारत का एक बड़ा हिस्सा भयानक गर्मी की चपेट में देखा जा सकता है। पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा और कराची, लरकाना, मुल्तान जैसे शहर भी गर्मी से बचते नहीं दिख रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के अनुसार देश ‘पानी की भारी कमी’ की ओर बढ़ रहा है। इसका सबसे बड़ा असर पाकिस्तान की कृषि पर पड़ेगा जो पिछले साल आई बाढ़ के बाद पहले ही संकटों से जूझ रही है।



Source link

Continue Reading

International

आटा खत्‍म, अब ईरान से खाने की तस्‍करी कर रहे पाकिस्‍तानी, रमजान में चोरी को मजबूर जिन्‍ना का देश

Published

on

By


इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान में कंगाली और रेकॉर्ड तोड़ महंगाई से बुरा हाल है और देश की जनता अब खाने की तस्‍करी करने को मजबूर हो गई है। रमजान के महीने में पाकिस्‍तानी जनता को ईरान से सस्‍ते खाने की तस्‍करी करने को मजबूर होना पड़ा है। पाकिस्‍तान में शहरी इलाकों में वार्षिक खाद्यान महंगाई 41.9 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में 47 प्रतिशत पहुंच गई है। यह पिछले साल से क्रमश: 14.3 और 14.6 प्रतिशत अधिक है। आलम यह है कि सभी सब्जियों के दाम तीन अंक में पहुंच गए हैं। डॉलर के लिए तरस रहे पाकिस्‍तान के लोग अब ‘बढ़‍िया खाना’ ईरान से तस्‍करी कर रहे हैं। यह खाना अब रावलपिंडी और इस्‍लामाबाद जैसे शहरों में थोड़ा कम दाम में उपल‍ब्‍ध है। रावलपिंडी और इस्‍लामाबाद में कई वेंडरों ने इन ईरानी खानों के लिए एक खास स्‍थान तैयार कर दिया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें तेल और चीज भी शामिल हैं। इस ईरानी खाने के लिए अगर कोई मोलभाव करना चाहता है तो उसके लिए पेशावर का साप्‍ताहिक बाजार शानदार जगह है।

पाकिस्‍तान में खाने का दाम आसमान छू रहा

डॉन ने बताया कि ग्रामीण पाकिस्‍तान में एक परिवार को इस साल फरवरी में जिस खाने के लिए 14700 पाकिस्‍तानी रुपया खर्च करना पड़ रहा था, उसके लिए उन्‍हें पिछले साल मात्र 10 हजार रुपये देने पड़ रहे थे। यही नहीं शहरी इलाके में इसी खाने को अब 14,190 रुपये में खरीदना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान में यह हालात अभी लंबे समय तक चल सकते हैं क्‍योंकि पिछले साल देश को भयानक बाढ़ से जूझना पड़ा था और इसमें काफी फसलें तबाह हो गई थीं।

इसके अलावा कमजोर होता पाकिस्‍तानी रुपया और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया में जरूरी सामानों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। यही नहीं पाकिस्‍तान में राजनीतिक हालात बहुत खराब हैं जिससे आईएमएफ समेत दुनिया के अन्‍य देश कर्ज देने से कतरा रहे हैं। इसके अलावा कई जमाखोर भी संकट में सक्रिय हो गए हैं और वे खाद्यान को जमा कर रहे हैं। साथ इन खाद्यान की पड़ोसी अफगानिस्‍तान में तस्‍करी भी पाकिस्‍तान के लिए चिंता का सबब बन गई है। देश में खाने की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अब पाकिस्‍तानी ईरान से तस्‍करी करने को मजबूर हो गए हैं।

डिफॉल्‍ट होने की कगार पर पाकिस्‍तान

तस्‍करी करके लाए गए इस ईरानी खाने के प्रति पाकिस्‍तानी लोग अच्‍छी रुचि दिखा रहे हैं। यह खाना कई बार तो पाकिस्‍तान में उपलब्‍ध उसी फूड आइटम से 50 फीसदी सस्‍ता है। डॉन ने बताया कि इस खाने को ईरान से आधिकारिक रूप से नहीं मंगाया जा रहा है, बल्कि बलूचिस्‍तान बॉर्डर और अफगानिस्‍तान के रास्‍ते तस्‍करी करके लाया जा रहा है। पाकिस्‍तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और देश के डिफॉल्‍ट होने का खतरा है।



Source link

Continue Reading