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‘उन्हीं की वजह से यहां हूं’, दिवाली, मां और भारत के साथ अपने रिश्ते पर बोलीं कमला हैरिस

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दिवाली के मौके पर व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम को संबोधित करतीं अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस।

Kamala Harris on Diwali: अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रकाश के पर्व दीपावली के मौके पर अपनी मां को याद किया। कमला हैरिस ने कहा कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचने का श्रेय वह अपनी भारतीय-अमेरिकी मां के समर्पण, दृढ़ संकल्प और साहस को देती हैं। वह भारतीय मूल की पहली ऐसी शख्सियत हैं तो अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद तक पहुंची हैं। दिवाली के बारे में बोलते हुए हैरिस ने कहा कि यह एक ऐसा त्योहार है जो हमें शांति, न्याय, ज्ञान के लिए संघर्ष करने और अंधेरे में प्रकाश फैलाने की याद दिलाता है।

‘मेरे मन में दिवाली की बहुत सी अच्छी यादें हैं’

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बायडेन और उनकी पत्नी जिल बायडेन की मेजबानी में आयोजित दिवाली समारोह में 200 से भी ज्यादा जाने-माने भारतीय-अमेरिकी मौजूद थे। हैरिस ने याद किया कि कैसे वह बचपन में हर दूसरे साल भारत के चेन्नई में अपने नाना-नानी के घर जाकर दिवाली मनाती थीं। उन्होंने कहा, ‘मेरे मन में बचपन की दिवाली की बहुत सी अच्छी यादें हैं। आप में से कई लोगों की तरह, हम हर दूसरे साल भारत जाते थे और दिवाली मनाते थे। शाम के समय मेरी मां हमें फुलझड़ियां देती थीं और हम गलियों में जाकर इस बेहद खास मौके का जश्न मनाते थे।’

‘मेरी मां ने अपने क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया’
समारोह में कमला हैरिस ने कहा, ‘अपनी मां के समर्पण, दृढ़ संकल्प और साहस के कारण ही मैं अमेरिका की उपराष्ट्रपति के रूप में आपके सामने खड़ी हूं।’ कमला हैरिस ने कहा कि उनकी मां 19 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए अपने दम पर अमेरिका आई थीं। उन्होंने कहा, ‘मेरी मां का लक्ष्य स्तन कैंसर रिसर्चर बनना था और उन्होंने हमारे इस देश में अपना करियर बनाया। उन्होंने PhD की, अपने क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया, मुझे और मेरी बहन को पाला।’ हैरिस ने कहा कि दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो अपनी और एक-दूसरे की अच्छी बातों को जानने का मौका देता।

Vice President Kamala Harris, President Joe Biden, first lady Jill Biden.

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दिवाली के मौके पर व्हाइट हाउस में अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, राष्ट्रपति जो बायडेन और फर्स्ट लेडी जिल बायडेन।

तमिलनाडु की रहने वाली थीं कमला हैरिस की मां
बता दें कि अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनते ही कमला हैरिस ने एक साथ कई रिकॉर्ड बनाए थे। वह अमेरिकी इतिहास में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला थीं। इसके अलावा वह अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली अफ्रीकन अमेरिकन और एशियन अमेरिकन थीं। उनसे पहले अमेरिका के इतिहास में कोई महिला इतने ऊंचे पद पर नहीं पहुंची थी।  हैरिस की मां श्यामला गोपालन एक तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मी थीं। वह भारत से अमेरिका आई थीं और एक बायोमेडिकल साइंटिस्ट के तौर पर अपना करियर बनाया था।

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अमेरिका का डेमोक्रेसी समिट कल, लोकतांत्रित देशों को एक मंच पर जुटा चीन-रूस को चिढ़ाएंगे बाइडेन

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अमेरिका में मंगलवार को तीन दिवसीय डेमोक्रेसी समिट की शुरुआत होगी। यह समिट इस बार भी वर्चुअली ही आयोजित किया जा रहा है। इस साल डेमोक्रेसी समिट में देश दुनिया के 121 राजनेता और अधिकार समूह हिस्सा लेने वाले हैं। इस समिट का उद्घाटन भाषण यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेंलेंस्की देंगे।

 



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Afghanistan के काबुल में दौदजई ट्रेड सेंटर के नजदीक जोरदार धमाका | News & Features Network

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Afghanistan काबुल में एक बड़ा धमाका हुआ है. यह विस्फोट काबुल में विदेश मंत्रालय रोड पर दौदजई ट्रेड सेंटर के नजदीक हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस धमाके में अब तक 6 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं. वहीं, अभी तक सरकार द्वारा इस धमाके पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि धमाका काफी तेज था और जमीन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. फिलहाल जांच एजेंसियां घटना की जांच में जुटी हैं. घायलों में बच्चे भी शामिल हैं. सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, जिस इलाके में यह विस्फोट हुआ है, वहां कई सरकारी इमारतें और दूतावास स्थित हैं. विस्फोट का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है.

अभी तक इस हमले की किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि बम धमाके के पीछे आईएसआईएस-के (ISIS-K) का हाथ हो सकता है, जो काफी तेजी से Afghanistan में अपनी शक्ति का विस्तार कर रहा है. पिछले दिनों एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता में लौटने के बाद से तालिबान ने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत, जिसे आईएसआईएस-के भी कहा जाता है, उसे रोकने में बुरी तरह से नाकाम साबित हुआ है 

Afghanistan में लगातार हमले करने वाले इस्लामिक स्टेट समूह के सहयोगी संगठन को कंट्रोल करने में लगातार फेल नजर आया है. इस संगठन की शक्ति में अब इस कदर इजाफा होने लगा है कि संभावना व्यक्त की जा रही है, वो अब सिर्फ अफगानिस्तान तक ही सीमित नहीं रहने वाला है बल्कि अब अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए भी खतरा बन गया है.

इससे पहले आईएसआईएस-के ने 9 मार्च 2023 को इस्लामिक स्टेट समूह ने एक आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में उत्तरी Afghanistan में बल्ख प्रांत के तालिबान गवर्नर मोहम्मद दाऊद मुजम्मिल समेत 2 लोगों को उड़ा दिया गया था. वहीं, 9 मार्च को हुए बम धमाके से ठीक पहले इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने अफगानिस्तान के पश्चिमी हेरात प्रांत में जल आपूर्ति विभाग के प्रमुख को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें उसकी जान चली गई



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डेनमार्क में फिर कुरान जलाने पर भड़के मुस्लिम देश, सऊदी अरब, तुर्की सहित कई देशों ने की कड़ी निंदा

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डेनमार्क में फिर कुरान जलाने पर भड़के मुस्लिम देश, सऊदी अरब, तुर्की सहित कई देशों ने की कड़ी निंदा

Denmark: डेनमार्क में तुर्की के दूतावास के सामने शुक्रवार को पवित्र कुरान जलाने की घटना सामने आई। इस साल में यह दूसरी बार है जब डेनमार्क में इस तरह की घटना हुई हो। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान तुर्की का झंडा भी जला दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डेनमार्क में हुई इस घटना के बाद मुस्लिम देशों ने कड़ा आक्रोश जताया। इन भड़के मुस्लिम देशों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। तुर्की ने शनिवार को इस घटना की निंदा की। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया और बयान में इस घृणित अपराध बताया। साथ ही जोर देते हुए चेताया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में इस तरह की कार्रवाई को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।

तुर्की के अलावा मुस्लिम देश सऊदी अरब, यूएई और पाकिस्तान ने भी इस घटना पर विरोध दर्ज कराया है। सऊदी अरब किंगडम के विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर एक बयान साझा करते हुए लिखा, ‘सऊदी अरब डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में तुर्की के दूतावास के सामने एक चरमपंथी समूह की ओर से पवित्र कुरान को जलाने की कड़े शब्दों में निंदा करता है।‘ बयान में आगे कहा गया, ‘किंगडम संवाद, सहिष्णुता और सम्मान के मूल्यों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देता है और नफरत और उग्रवाद को अस्वीकार करता है।‘

यूएई ने भी जताया विरोध

संयुक्त अरब अमीरात ने भी डेनमार्क में कुरान जलाने की घटना पर अपना विरोध जताया। अमीरात समाचार एजेंसी ने मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘विदेश मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय मानवीय और नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों के उल्लंघन की सभी प्रथाओं को अस्वीकार करता है।‘ 

पाकिस्तान ने जताई नाराजगी

पाकिस्तान ने भी सोमवार को इस घटना का विरोध किया। पाकिस्तान के विदेश ऑफिस की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने एक बयान में कहा, ‘इस तरह की जानबूझकर की जा रही घटनाओं की पुनरावृत्ति मुसलमानों और उनकी आस्था के खिलाफ बढ़ती नफरत, नस्लवाद और इस्लामोफोबिया का उदाहरण है।‘ 

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