मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए अब ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। वहीं, कुछ कपड़े वहां पहनकर जाने पर बैन लगा दिया गया है। मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं को को ड्रेस कोड में ही प्रवेश मिलेगा। पुरुषों को धोती-सोला पहनना होगा, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी पहनना जरूरी होगी।
बैठक में लिए गए 2 बड़े फैसले
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक महाकाल लोक के कंट्रोल रूम में कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम की अध्यक्षता में आयोजित की। इस बैठक में गर्भगृह खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया लेकिन गर्भगृह में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फैसला लिया गया। साथ ही उज्जैन वासियों के लिए सप्ताह में एक दिन भस्म आरती में निशुल्क प्रवेश देने का निर्णय भी लिया गया है। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम, मंदिर प्रशासक संदीप सोनी,एसपी सचिन शर्मा, महानिर्वाणी के महंत विनीत गिरी, महापौर मुकेश टटवाल मौजूद रहे है।
भस्म आरती में उज्जैन वासियों को निशुल्क प्रवेश
करीब एक घंटे चली बैठक में ढाई महीने से बंद गर्भगृह खोलने के लेकर तो कोई फैसला नहीं हो पाया लेकिन दो बड़े फैसले हुए है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में अब पुरुषों के लिए धोती-सोला और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य होगा। ऐसे में बिना साड़ी और धोती-कुर्ता के अन्य परिधानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही उज्जैन शहर के लोगों के लिए भस्म आरती में मंगलवार को 300 से 400 भक्तों को निशुल्क प्रवेश मिलेगा। कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने बताया कि गर्भगृह खोलने का फैसला एक सप्ताह बाद किया जाएगा। हालांकि जिस तरह अभी दो से ढाई लाख लोग रोज मंदिर आ रहे हैं, सभी को गर्भगृह में प्रवेश देना संभव नहीं है।
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खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।