लेग ग्लांस शॉट के जनक
इंग्लिश टीम में खेलने वाले पहले एशियाई
रणजीत सिंह का जब 1896 में इंग्लैंड टीम में चयन हुआ तब लार्ड हारिस इस चयन के खिलाफ थे, उनका कहना था कि रणजीत का जन्म इंग्लैंड में नहीं बल्कि भारत में हुआ है, इसलिए उन्हें साथ में नहीं खिलाना चाहिए। वो भारत की गुलामी का दौर था तब वह इंग्लिश टीम में शामिल होने वाले एशियाई मूल के पहले क्रिकेटर थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जुलाई 1896 में मैनचेस्टर में खेले गए अपने पहले टेस्ट मैच में ही 62 और नाबाद 154 रन की दो लाजवाब पारियां खेली थी।
रणजी ट्रॉफी रणजीत सिंह के नाम से
रणजीत ने अपने क्रिकेट करियर का पहला और आखिर मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफ्फोर्ड मैदान पर खेला। 1904 में रणजीत भारत वापस आ गए। रणजीत का क्रिकेट के प्रति इतना प्यार था कि 48 साल के उम्र में वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना चाहते थे। 1907 में वह नवानगर के महाराजा बने। इस महान क्रिकेटर का 60 वर्ष की उम्र में 2 अप्रैल 1933 को जामनगर में निधन हुआ। उनके भतीजे दिलीप सिंह भी इंग्लैंड की तरफ से टेस्ट मैच खेले थे। 1934 में रणजीत के नाम पर भारत ने रणजी ट्रॉफी शुरू हुई। रणजीत को भारतीय क्रिकेट का जन्म दाता माना जाता है।