Connect with us

TRENDING

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए उठाए ‘कड़े कदम’

Published

on


नई दिल्ली:

पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट के बीच सरकार ने IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं. सरकार ने मुद्रा पर अपनी पकड़ ढीली कर दी है. साथ ही ईंधन की कीमतों में वृद्धि की गई है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्टके अनुसार सरकार ने मुद्रा को बाजार द्वारा निर्धारित करने की अनुमति दे दी है. इसके परिणामस्वरुप सोमवार को पाकिस्तानी रुपया 270 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया. बता दें कि ऋण के अगले किश्त में महीनों की देरी के बाद ऋण समीक्षा के लिए मंगलवार को आईएमएफ टीम पाकिस्तान आने वाली है. इसे देखते हुए ही सरकार की तरफ से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. 

यह भी पढ़ें

गौरतलब है कि सरकार ने पिछले सप्ताह के अंत में गैसोलीन की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि करने का निर्णय लिया था. डॉलर की कमी और बढ़ती महंगाई के बीच पाकिस्तान में संकट और गहराता जा रहा है. जिससे देश को धन की सख्त जरूरत है क्योंकि आयात कवर के एक महीने से भी कम समय में इसका भंडार घटकर 3.7 बिलियन डॉलर रह गया है.

वेक्टर सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख सलाहकार सुलेमान रफीक मनिया ने कहा है कि पाकिस्तान आईएमएफ कार्यक्रम को लेकर गंभीर है. भले ही हम एक चुनावी वर्ष में हैं लेकिन कड़े कदम उठाए जा रहे हैं.  सब कुछ आईएमएफ टीम के दौरे और उनकी प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है. ये कदम काफी कठिन हैं और इसकी भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ सकती है.

 घटता विदेशी मुद्रा भंडार, राष्ट्रव्यापी बिजली कटौती, सरकार द्वारा संचालित खाद्य वितरण केंद्रों पर अफरा-तफरी, भगदड़ और पाकिस्तानी रुपये में एक साल के अंदर आई भारी गिरावट ने पाकिस्तान को उस स्थिति में पहुंचा दिया है जहां उसके लिये अंतरराष्ट्रीय कर्ज चुकाना बेहद मुश्किल हो गया है. पाकिस्तानी रुपये में बीते एक साल में करीब 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.

पाकिस्तान में भारत के पूर्व दूत रहे टीसीए राघवन ने कहा है कि मौजूदा आर्थिक संकट पहले से जारी राजनीतिक संकट को बढ़ा रहा है (जहां इमरान खान की अगुआई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने नए चुनाव कराने के लिए दो प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर दिया है)…आईएमएफ द्वारा धन जारी करने के लिए जिन शर्तों को लागू करने की संभावना है, वे निश्चित रूप से अल्पकालिक मुश्किलों का एक बड़ा कारण बनेंगी, जिसका राजनीतिक असर हो सकता है.”

पाकिस्तान के सात अरब डॉलर के आईएमएफ ‘बेल-आउट’ (स्वतंत्रता के बाद से 23वां) पैकेज के वितरण को पिछले नवंबर में रोक दिया गया था क्योंकि वैश्विक ऋणदाता ने महसूस किया था कि देश ने अर्थव्यवस्था को सही आकार देने के लिए राजकोषीय और आर्थिक सुधारों की दिशा में पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं.

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day

बड़ी खबर : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का श्रीनगर में भारी बर्फबारी के बीच समापन 



Source link

TRENDING

सरकारी अधिकारी शेयर बाजार में करते हैं कितना निवेश, केंद्र ने मांगा IAS, IPS, IFS से हिसाब-किताब

Published

on

By


Photo:PTI केंद्र ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से शेयर बाजार में निवेश की जानकारी मांगी

शेयर बाजार से मुनाफा कमाने के लिए आम लोग मार्केट में निवेश करते हैं। लेकिन देश में नीतियों को बनाने वाले और क्रियान्वित करते वाले अधिकारी भी क्या अपना पैसा शेयर बाजार में लगाकर मुनाफा कूट रहे हैं? केंद्र सरकार ने अब इसी की पड़ताल शुरू कर दी है। केंद्र की मोदी सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से कहा है कि यदि शेयर बाजार, शेयर या अन्य निवेश में उनका कुल लेनदेन कैलेंडर वर्ष के दौरान उनके छह महीने के मूल वेतन से अधिक होता है तो वे इसकी जानकारी मुहैया करवाएं। 

क्या है सरकार का आदेश 

कार्मिक मंत्रालय ने इस बाबत हाल में एक आदेश जारी किया है। यह जानकारी अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली, 1968 के नियम 16(4) के तहत उनके द्वारा दी जाने वाली इसी प्रकार की जानकारी से अतिरिक्त होगी। ये नियम अखिल भारतीय सेवाओं- भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के सदस्यों पर लागू होंगे। यह आदेश केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को जारी किया गया है।

बताना होगा कहां से आया पैसा

अभी तक अधिकारियों से उनके निवेश के बारे में जानकारी प्राप्त करने का कोई तरीका नहीं था। हाल के समय में केंद्र के पास कई रिपोर्ट आ रही थीं, जिसमें लाल बत्ती में चलने वाले अधिकारियों का शेयर बाजार में एक्सपोजर के संकेत मिल रहे थे। अब सरकार ने खुद ही अधिकारियों से पूछा है कि वे अपने निवेश के बारे में उसे सूचित करें। यहां पर सरकार ने 6 महीने के बेसिक वेतन की भी शर्त लागू की है। 

Latest Business News





Source link

Continue Reading

TRENDING

14 साल बाद Pepsi ने क्यों बदला अपना Logo? कैसा है नया लोगो? भविष्य में कैसे अलग होगी कंपनी?

Published

on

By


Pepsi New Logo: जब भी हम थक जाते हैं या किसी होटल में खाना खाते हैं तो हम कोल्ड ड्रिंक पीते हैं. कई कंपनियां कोल्ड ड्रिंक्स बनाती हैं, मगर पेप्सी की बात ही कुछ और है. लोग पेप्सी को ज्यादा पसंद करते हैं. इसके पीछे की वजह ये है कि ये कंपनी बहुत ही पुरानी है. देखा जाए तो आज पूरी दुनिया में PepsiCo कंपनी बहुत नामी कंपनी है. ये कई ब्रांड्स बनाती है, उनमें से पेप्सी एक कंपनी है. अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर पेप्सी कंपनी वायरल हो रही है. वायरल होने के कारण इस कंपनी ने अपना लोगो बदल लिया है. इस लोगों पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें

नया लोगो देखें

दुनिया की नंबर 1 सॉफ़्ट ड्रिंक कंपनी Pepsi ने 14 साल बाद ग्लोबली अपने Logo और Visual Identity System में बदलाव किया है. कंपनी ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस लोगो का डिजाइन किया है. सोशल मीडिया पर लोग इस लोगो पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

वीडियो देखें

पेप्सी (Pepsi) का नया Logo कई मायने में बहुत ही ख़ास है. कंपनी ने विश्व को ध्यान में रखते हुए इस लोगो का निर्माण किया है. इसमें पेप्सी ब्रांड का ध्यान रखा गया है. कलर के बारे में बताएं तो इस बार Logo पर इलेक्ट्रिक ब्लू और ब्लैक कलर का इस्तेमाल किया गया है. मॉडर्न, कस्टम टाइपफ़ेस ब्रांड के आत्मविश्वास और मानसिकता को दर्शाता है. इस नए लोगो के माध्यम से कंपनी चाहती है कि जनता में आत्मविश्वास बना रहे. 

इस लोगो को पेप्सी के क्रियटिव हेड Todd Kaplan ने शेयर किया है. इस पर कई लोगों ने कमेंट किया है. एक यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- बहुत ही सुंदर लग रहा है. वहीं एक अन्य यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- इस लोगो को देखने के बाद अच्छा लग रहा है.





Source link

Continue Reading

TRENDING

अब तक नहीं लौटा जहांगीरपुरी का चैन, रामनवमी पर शोभायात्रा बैन; भारी फोर्स की तैनाती

Published

on

By



दिल्ली की जहांगीरपुर में पिछले साल हुए दंगे का दंश अब तक लोगों को झेलना पड़ रहा है। पिछले साल हुए उपद्रव की वजह से पुलिस ने एहतियात के तौर पर इस बार शोभायात्रा की इजाजत नहीं दी है।



Source link

Continue Reading