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सुंदर सेतुरामन / तिरुवनंतपुरम 09 30, 2022 |
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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति में कोई नकारात्मक बात नहीं रहने और मुद्रास्फीति में नरमी आने के संकेत से देसी शेयर बाजारों में आज करीब 2 फीसदी की तेजी आई। बाजार के भागीदारों ने कहा कि लगातार सात सत्र में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के बाद शॉर्ट-कवरिंग से भी तेजी को बल मिला।
सेंसेक्स सुबह के कारोबार में गिरावट पर खुला लेकिन मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद 1,017 अंक या 1.8 फीसदी की तेजी के साथ 57,427 पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी भी 276 अंक बढ़कर 17,094 पर बंद हुआ।
आज की तेजी के बावजूद सेंसेक्स इस महीने 3.5 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ जो जून 2022 के बाद किसी महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। हालांकि तिमाही में सेंसेक्स 8.3 फीसदी बढ़त कायम करने में सफल रहा और अधिकतर वैश्विक बाजारों की तुलना में इसका प्रदर्शन बेहतर रहा।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,565 करोड़ रुपये की बिकवाली की। पिछले आठ कारोबारी सत्र में विदेशी निवेशकों ने करीब 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की है।
रिजर्व बैंक ने रीपो दर 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.9 फीसदी कर दिया है, जो बाजार के अनुमान के मुताबिक है और मुद्रास्फीति में नरमी आने को लेकर केंद्रीय बैंक के आकलन से भी निवेशकों का हौसला बढ़ा है। हालांकि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है और मुद्रास्फीति के 6.7 फीसदी अनुमान को बरकरार रखा है। आरबीआई ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति कम होकर 6 फीसदी के करीब आसकती है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘मौद्रिक नीति में कुछ चकित करने वाला नहीं था और रीपो दर में वृद्धि अनुमान के मुताबिक है। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान में भी ज्यादा कटौती नहीं की गई है। ऐसे में बाजार में कुछ शॉर्ट-कवरिंग देखी जा सकती है।’
अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में बढ़त से भी निवेशकों का मनोबल बढ़ा है। निफ्टी स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांक 1.6-1.6 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ।
अब निवेशकों की निगाहें सितंबर में खत्म हुई तिमाही के लिए कंपनियों के वित्तीय नतीजों पर रहेंगी। त्योहारी मौसम में अच्छी मांग और कच्चे माल की कीमत कम होने से पिछली तिमाही में कंपनियों की कमाई बढ़ सकती है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग में वाइस प्रेसिडेंट- रिसर्च अजित मिश्र ने कहा, ‘बाजार में सुधार तय था लेकिन इस बढ़त को बरकरार रखना अहम होगा। मेरा मानना है कि निफ्टी के 17,2000 के ऊपर पहुंचने पर और मजबूती मिलेगी जबकि 16,800 का स्तर पर भी समर्थन मिलेगा।’
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