बिहार विधानमंडल के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का आगाज आज से होगा। सत्र के दौरान राज्य में हुई जातीय गणना की रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसको लेकर पहले ही दिन विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में जातीय गणना की रिपोर्ट पेश किए जाने पर चर्चा होगी। जातीय गणना के साथ ही राज्य की विभिन्न जातियों के शैक्षणिक, आर्थिक व सामाजिक स्थिति को भी सदन के पटल पर रखा जाएगा। इस रिपोर्ट के पेश किए जाने के बाद दो दिन तक सदन में इस पर चर्चा भी होगी।
सत्र के पहले ही दिन राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी। इस सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। एक तरफ विपक्ष को जवाब देने के लिए राज्य सरकार ने अपनी पूरी तैयारी की है। वहीं, विपक्ष भी अपने सवालों से सरकार को घेरने को तैयार बैठा है। ग्रामीण विकास मंत्री और विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार सत्र को लेकर पूरी तरह तैयार है। यह सत्र छोटा है, पर महत्वपूर्ण है। विपक्ष के समस्त सवालों का जवाब देने को सरकार तैयार है।
विपक्ष से अपील है कि वह सत्र के सफल संचाल में सहयोग करे। सोमवार को शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र 10 नवंबर शुक्रवार तक चलेगा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक भी राज्य सरकार पेश करेगी और उन्हें पारित कराएगी। राजकीय विधेयक मंगल तथा बुधवार को सदन पटल पर आयेंगे। विधानसभा में गुरुवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा, मतदान तथा उसके बाद विनियोग विधेयक सरकार लाएगी। वहीं सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को गैर सरकारी संकल्प लिए जाएंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जातीय गणना की रिपोर्ट के तहत सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण की जानकारी को पुस्तिका के रूप में तैयार किया गया है। इस पुस्तिका को सदन के सभी सदस्यों के बीच वितरित किया जाएगा। मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद पहले ही जातीय गणना की रिपोर्ट को शीतकालीन सत्र के दौरान विधानमंडल के पटल पर रखने की बात कह चुके हैं।
जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद विधानमंडल का यह पहला सत्र होगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार जातीय गणना की विस्तृत रिपोर्ट के अंतर्गत राज्य के लोगों की औसत आय, उनका शैक्षणिक स्तर, कितने लोग नौकरी और कितने कृषि से अपना जीवनयापन करते हैं, इत्यादि की जानकारी सामने आएगी। प्रवासी बिहारियों के बारे में भी सूचना इसमें रहेगी।
2 अक्टूबर को जारी हुई थी जातीय सर्वे रिपोर्ट
विदित हो कि 2 अक्टूबर को सरकार द्वारा जारी जाति आधारित गणना की प्रारंभिक रिपोर्ट में केवल वर्ग और धर्म विशेष के लोगों की संख्या का उल्लेख किया गया था, जबकि शेष आंकड़े विधानमंडल में पेश किये जाने की उम्मीद है। मिली जानकारी के अनुसार कई जातियों की शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो बिहार में दलितों की स्थिति में भी सुधार आया है।
शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार है। विपक्ष कई मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर चुका है। शिक्षक बहाली, और जातीय गणना की रिपोर्ट पर विपक्ष के तेवर हमलावर रहने की संभावना है। बीजेपी शिक्षक बहाली में गड़बड़ी और जातीय गणना रिपोर्ट में धांधली के आरोप लगी चुकी है।