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शिवानी शिंदे / मुंबई 09 29, 2022 |
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चालू वित्त वर्ष में भी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र को कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। अब तो आईटी उद्योग अन्य उद्योगों के हाथों अपनी प्रतिभा यानी कुशल कर्मचारियों को गंवा रहा है। भारतीय आईटी उद्योग में 2022 में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर 25.2 फीसदी थी और टीमलीज का अनुमान है कि निकट भविष्य में भी यह ऊंची दर बनी रह सकती है।
टीमलीज द्वारा कराए गए ‘ब्रेन ड्रेन : आईटी क्षेत्र में प्रतिभा के बड़े पलायन का सामना’ रिपोर्ट के अनुसार अनुबंध पर काम करने वालों के इस उद्योग में नौकरी छोड़ने की दर चालू वित्त वर्ष में 50 से 55 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह 49 फीसदी थी। बेहतर नीतियों, बेहतर भुगतान और लचीलेपन के कारण प्रतिभाएं एक से दूसरी कंपनी में पलायन करती हैं लेकिन तकनीकी फर्मों से इतर कंपनियों से आने वाली मांग के कारण भी कर्मचारियों के पलायन की दर बढ़ है।
टीमलीज डिजिटल के मुख्य कार्याधिकारी सुनील चेम्मनकोटिल ने कहा, ‘आने वाले वर्षों में गैर तकनीकी कंपनियों में तकनीकी क्षेत्र की प्रतिभाओं की संख्या तीन गुनी हो सकती है, जिससे तकनीकी क्षेत्र में 2025 तक करीब 10 लाख नई नौकरियां आ सकती हैं। आईटी
क्षेत्र की प्रतिभाओं के पारंपरिक कंपनियों में जाने से भी इस रुझान में तेजी आएगी।’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उद्योग में बेहतर प्रतिभाएं रोके रखना कठिन हो गया है। चेम्मनकोटिल ने कहा, ‘57 फीसदी आईटी पेशेवर भविष्य में आईटी सेवा क्षेत्र में लौटने पर विचार नहीं कर रहे हैं। वेतन वृद्धि और अन्य लाभों की सामान्य मांग के साथ ही नई नौकरियों में कर्मचारियों के लिए मुख्य आकर्षण कंपनी की आंतरिक नीति और बाह्य कारक है, जिस पर नियोक्ता को पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि कर्मचारियों में काम और जीवन के संबंध में व्यापक बदलाव की भावना दिख रही है।’
रिपोर्ट के अनुसार अगले 5 साल में आईटी उद्योग में कुल कर्मचारियों की संख्या 50 लाख से बढ़कर 1 करोड़ हो सकती है और नौकरी तलाशने वालों के लिए अवसर कई गुना बढ़ सकते हैं। कर्मचारी कंपनी में कार्य संस्कृति, नेतृत्व की गुणवत्ता, जीवन की गुणवत्ता, काम काज का माहौल जैसे पहलुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, ऐसे में नियोक्ताओं को बेहतर वेतन-भत्ते के अलावा भी काफी चीजों पर ध्यान देना चाहिए।
टीमलीज डिजिटल के मुख्य कारोबार अधिकारी शिव प्रसाद नांदुर ने कहा, ‘अगले कुछ वर्षों में उद्योग में दोगुनी वृद्धि की उम्मीद है। ऐसे में हमारा अनुमान है कि कंपनियों से अच्छी प्रतिभाओं का पलायन जारी रह सकता है और बिना किसी मजबूत उपाय के उन्हें कंपनी में बनाए रखना कठिन होगा।’
सर्वेक्षण के मुताबिक 50 फीसदी प्रतिभागी मानते हैं कि नियोक्ता को करियर विकास के अवसर मुहैया कराने चाहिए, वहीं 27 फीसदी का कहना था कि नियोक्ताओं को कर्मचारी रोके रखने के लिए अपनी कार्य संस्कृति पर ध्यान देना चाहिए। दिलचस्प है कि 67 फीसदी प्रतिभागियों की राय थी कि कार्यस्थल में लचीलापन देने से कंपनियों को कर्मचारी रोके रखने में मदद मिल सकती है।
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