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अशोक गहलोत ने OBC आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने के निर्देश दिए

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 दोलनकारियों की मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों के साथ चर्चा भी हुई. 

जयपुर:

राजस्थान (Rajasthan)  के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण में विसंगतियों का सकारात्मक हल करें. गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘ओबीसी आरक्षण के संबंध में पैदा हुई विसंगतियों का सकारात्मक हल करने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया है .”इसके अनुसार ‘विभागीय एवं कानूनी राय लेकर इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा जिससे यह न्यायिक प्रक्रिया में ना अटके.’ उल्लेखनीय है कि ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर आरक्षण में हुई विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर शुक्रवार को यहां शहीद स्मारक पर धरना दिया गया और इस प्रदर्शन में राज्य भर से ओबीसी वर्ग से आए लोग शामिल हुए.

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आंदोलनकारियों की मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों के साथ चर्चा भी हुई. इसमें आंदोलनकारियों की ओर से पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी व जाट सभा के अध्यक्ष राजाराम मील भी शामिल हुए. बैठक में शामिल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट किया, ‘ ओबीसी आरक्षण विसंगति के विषय को लेकर युवा आंदोलनरत हैं. इस विषय पर आज आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि दल के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित बैठक में हिस्सा लेकर इस विसंगति को दूर करने की सकारात्मक चर्चा की जा रही है. मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार जल्दी न्यायोचित निर्णय लेगी.’ ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति की मांग है कि सरकार राज्य में भर्तियों के लिये जारी 2018 के परिपत्र में संशोधन करे और सही रोस्टर बनाये.


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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औरंगजेब पर वॉट्सऐप स्टेटस से कोल्हापुर में बिगड़े हालात, पथराव और हिंसा के बाद लाठीचार्ज

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महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर बवाल मच गया है। कुछ लड़कों ने औरंगजेब के समर्थन में वॉट्सऐप स्टेट्स लगाए थे और उस पर आपत्तिजनक बातें भी लिखी थीं। इससे तनाव फैल गया है।



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मणिपुर हिंसा : बेटे को अस्‍पताल ले जा रही थी मां, भीड़ ने एम्बुलेंस में लगाई आग, मां-बेटे सहित 3 की मौत

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भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी (प्रतीकात्‍मक फोटो)

इंफाल :

मणिपुर में अभी हालात सामान्‍य नहीं हुए हैं. पश्चिम इंफाल जिले में भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी, जिससे उसमें सवार आठ वर्षीय बच्चे, उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि यह घटना रविवार शाम को इरोइसेम्बा में हुई. उन्होंने कहा कि गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे के सिर में गोली लग गई थी और उसकी मां तथा एक रिश्तेदार उसे इंफाल स्थित अस्पताल ले जा रहे थे. अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ के हमले में मारे गए तीनों लोगों की पहचान तोंसिंग हैंगिंग (8), उसकी मां मीना हैंगिंग (45) और रिश्तेदार लिदिया लोरेम्बम (37) के तौर पर हुई है.

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असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि की और बताया कि घटनास्थल और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सूत्रों ने बताया कि एक आदिवासी का बेटा तोंसिंग और मेइती जाति की उसकी मां कंग्चुप में असम राइफल्स के राहत शिविर में रह रहे थे. चार जून को शाम के समय इलाके में गोलीबारी शुरू हो गई और शिविर में होने के बावजूद बच्चे को गोली लग गई.

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सूत्रों ने कहा, “असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारी ने तुरंत इंफाल में पुलिस से बात की और एम्बुलेंस की व्यवस्था की. मां बहुसंख्यक समुदाय से थी, इसलिए बच्चे को सड़क मार्ग से इंफाल के ‘रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज’ ले जाने का फैसला किया गया.” कुछ किलोमीटर तक असम राइफल्स की सुरक्षा में एम्बुलेंस को ले गया गया और उसके बाद स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाला.

एक सूत्र ने कहा, “शाम करीब साढ़े छह बजे इरोइसेम्बा में कुछ लोगों ने एम्बुलेंस को रोका और उसमें आग लगा दी. वाहन में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई. हमें अभी तक नहीं पता कि शव कहां हैं.” काकचिंग क्षेत्र में कुकी समुदाय के कई गांव हैं और यह कांगपोकपी जिले की पश्चिमी इंफाल से लगी सीमा पर मेइती समुदाय के गांव फायेंग के पास है. इस क्षेत्र में 27 मई से गोलीबारी की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

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बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. मणिपुर में 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. आदिवासियों-नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है.

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अक्टूबर की तारीखें करेंगी बृजभूषण सिंह की किस्मत का फैसला! दिल्ली पुलिस ने की दांवों की जांच

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सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस की जांच 2022 के अक्टूबर महीने की कुछ तारीखों को लेकर अटक गई है। दरअसल एक पहलवान का कहना था कि वह अक्टूबर महीने में बृजभूषण शरण सिंह के घर गई थीं।



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