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अयोध्या का राम मंदिर 50 फीसदी बनकर हुआ तैयार, देखें PHOTOS

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नई दिल्ली:

अयोध्या में राममंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मंगलवार को जानकारी दी गई है कि मंदिर निर्माण का 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और दिसंबर 2023 तक मंदिर का गर्भगृह व प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा. वहीं जनवरी 2024 तक रामलला भी गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे. गौरतलब है कि  पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर  की आधारशिला रखी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हुआ था.

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जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मुख्य मंदिर 350X250 फीट का होगा. दिसंबर 2023 तक ग्राउंड फ्लोर का काम होगा. प्रधानमंत्री ने कहा है कि ये बन तो रहा है लेकिन इसकी सुरक्षा पर खास ध्यान देना होगा.  साथ ही देखना होगा कि मंदिर निर्माण के बाद जब पर्यटक यहां आएंगे तो 5 किमी. तक की आबादी पर इसका कितना दबाव पड़ेगा.  पीएम के निर्देश पर राज्य सरकार के साथ मंत्रणा के बाद इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी.  उन्होंने बताया कि 2024 तक सार्वजनिक तौर पर मंदिर में रामलला के दर्शन की उम्मीद की जा सकती है. अभी अष्टकोणीय गर्भगृह में काम जारी है. यहां 500 विशाल पत्थर बिछाए जा चुके हैं. 

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मंदिर के पहले तल का काम लगभग 50 फीसदी पूरा हो चुका है. मंदिर के पहले तल में कुल 160 पिलर होंगे, जबकि मंदिर के दूसरे तल में करीब 82 पिलर होंगे. राम मंदिर में कुल 12 दरवाजे होंगे. ये दरवाजे सागौन की लकड़ी के बनेंगे. दिसंबर 2023 तक इसका काम पूरा होने का अनुमान है. वहीं 2024 की मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा की उम्मीद है.

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नक्काशी के लिए राजस्थान स्थित सिरोही जिले के पिंडवाड़ा कस्बे से पत्थर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन पत्थरों पर नक्कासी हुई है वो पत्थर यहां लाए जा रहे हैं. वहीं, कार्यशाला से भी पत्थर लाए जा रहे हैं. मंदिर के आंदोलन के वक्त से ही कार्यशाला में भरतपुर से पत्थर आते थे. सोमपुरा में लंबे समय तक पत्थरों पर नक्कासी हुई है. इसके अलावा कार्यशाला से भी सारे पत्थर आ चुके हैं.

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मंदिर निर्माण कार्य के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश आपड़े ने बताया कि पीएम ने निरीक्षण के दौरान ग्रेनाइट पत्थरों के इस्तेमाल के बारे में पूछा था तो हमने उन्हें बताया कि ग्रेनाइट के होते हुए पानी की एक बूंद भी अवशोषित नहीं होगी. इसके चलते एक हजार साल तक मंदिर के गर्भगृह को कोई नुकसान नहीं होगा. इस पर पीएम ने कहा कि यदि एक हजार साल तक यह मंदिर टिकने वाला है तो यह सबसे उत्तम कार्य हुआ है. 

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जगदीश आपड़े ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री की कल्पना है कि मंदिर के गर्भगृह का स्ट्रक्चर ऐसा हो कि रामनवमी के दिन सूरज की किरणें सीधे रामलला पर पड़ें. यह दृश्य देखने मैं स्वयं आऊंगा. प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप हम इसकी तैयारी कर रहे हैं. सीएसआई के माध्यम से हमने यांत्रिक और आर्किटेक्चर तौर पर इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है. यह हमारे लिए गौरव का विषय होगा. 

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प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वो दो साल के अंदर फिर यहां आकर कार्यों का जायजा लेंगे. हालांकि प्रदेश की योगी सरकार को प्रति माह हमारी ओर से निर्माण की प्रगति की रिपोर्ट बनाकर भेजी जाती है।.वहीं मुख्यमंत्री भी के अवसरों पर यहां आकर निर्माण कार्य देखते हैं। उन्होंने प्रगति पर भी संतुष्टि जताई है.

 

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पाकिस्तान में रोटी के लिए जंग; आटा बांट रहे सरकारी ट्रक पर लोगों ने बोला धावा; ध्वस्त हुआ सिस्टम

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पाकिस्तान की माली हालत काफी खराब है इसका नमूना आए दिनों देखने को मिल रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के पेशावर में आटा बांट रहे ट्रक पर लोगों ने धावा बोल दिया। आटे की लूट से पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया है।



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दिल्ली : जब सड़क पर पलटकर कई मीटर तक घिसटती गई बेकाबू कार, देखें वीडियो

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नई दिल्ली:

दिल्ली में कार हादसे का एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक तेज रफ्तार बेकाबू कार को सड़क पर घिसटते और कई बार पलटते देखा जा सकता है. पूरी घटना दक्षिणी दिल्ली के सीआर पार्क इलाके की है. इस घटना में एक 17 साल के स्कूली छात्र को मामूली चोटें आई हैं, उसे बाद में पास के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. बेकाबू कार ने सामने खड़ी एक कैब को भी टक्कर मारी है. इस घटना में कैब चालक गौरव को भी चोटें आई हैं. 

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पुलिस की जांच में पता चला है कि बेकाबू कार के पलटने के बाद वो सामने खड़ी एक कैब से जा टकराई. घटना के समय कैब चालक गौरव अपनी गाड़ी में अकेला था. पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां बलेनो कार के साथ-साथ एक स्विफ्ट कार क्षतिग्रस्त स्थिति में दिखी. 

कैब चालक गौरव ने पुलिस को बताया है कि बलेनो कार का चालक अपनी कार को काफी तेजी से चलाता हुई उसकी कार की तरफ बढ़ रहा था औऱ बाद में उसने उसकी कार को पीछे से टक्कर मार दी. इस मामले को लेकर पुलिस फिलहाल सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है, साथ ही घटना के समय आसपास मौजूद लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. 



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यूपी निकाय चुनाव 2023 की दूर हुई सारी प्रॉब्लम, सुप्रीम कोर्ट से मिल गई हरी झंडी

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Image Source : FILE PHOTO
यूपी में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ

यूपी निकाय चुनाव 2023: निकाय चुनाव का रास्ता अब साफ हो  गया है। जातिगत आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित एक समर्पित आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है, जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को चुनाव कराने की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत के पिछले आदेश के आधार पर यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए एक अधिसूचना जारी की है।

दो दिनों में जारी कर दी जाएगी अधिसूचना

न्यायालय की इस पीठ में शामिल जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जेबी पदीर्वाला की पीठ ने कहा कि आयोग का कार्यकाल छह महीने का था, इसे 31 मार्च, 2023 तक अपना कार्य पूरा करना था, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रिपोर्ट 9 मार्च को पेश की गई है। पीठ ने आगे कहा कि इसके बाद अब स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना दो दिनों में जारी कर दी जाएगी।

 बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण दिए बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तब अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि उसने ओबीसी के प्रतिनिधित्व के लिए डेटा एकत्र करने के लिए पहले से ही एक समर्पित आयोग का गठन किया है।

हाई कोर्ट ने जारी कर दिया था आदेश

पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फार्मूले का पालन किए बिना ओबीसी आरक्षण के मसौदे को तैयार करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित किया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में ‘के. कृष्ण मूर्ति (डॉ.) और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य’ (2010) में संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि ओबीसी आरक्षण के लिए पहले ‘ट्रिपल टेस्ट शर्तो’ को पूरा करना होगा।

इससे पहले इस साल मार्च में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, जिन्होंने आयोग का नेतृत्व किया था और चार अन्य सदस्य – सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार और पूर्व अतिरिक्त कानून सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी मिले थे। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर जाकर शहरी विकास मंत्री ए.के. शर्मा और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रिपोर्ट सौंपी।





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