अमेरिका में 10 करोड़ से ज्यादा कोविड-19 के मामले दर्ज किए गए हैं। सीडीसी के बुधवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में 21 दिसंबर तक 100,216,983 कोविड -19 के मामलों की पुष्टि हुई। एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका दुनिया भर में 100 मिलियन कोविड-19 मामलों को दर्ज करने वाला पहला देश है। विशेषज्ञों ने कहा कि वास्तविक संख्या बहुत अधिक है, क्योंकि घर पर जांच करने वाले लोग अपने परिणाम सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को नहीं भेजते हैं, और बहुत से लोग जांच नहीं करते हैं।
1.08 मिलियन से अधिक लोग मारे गए
सीडीसी के आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी शुरू होने के बाद से अमेरिका में 1.08 मिलियन से अधिक लोग कोविड -19 से मारे गए। वहीं अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एएपी) की नई रिपोर्ट के अनुसार 22 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में अमेरिका में लगभग 48 हजार बच्चों में कोविड-19 के मामले दर्ज किए गए, जो बच्चों के मामलों में लगातार तीसरी साप्ताहिक वृद्धि है।
डेटा एकत्र करने पर जोर
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए रूपों से संबंधित बीमारी की गंभीरता के साथ-साथ संभावित लंबे समय तक के प्रभावों का आकलन करने के लिए अधिक आयु-विशिष्ट डेटा एकत्र करने की आवश्यकता है। यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि बच्चों के स्वास्थ्य पर महामारी के तत्काल प्रभाव हैं, लेकिन महत्वपूर्ण रूप से हमें बच्चों और युवाओं की इस पीढ़ी के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण पर लंबे समय तक चलने वाले प्रभावों की पहचान करने और उन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है।
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पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर (Pakistan Army Chief General Asim Munir) अगले हफ्ते यूके (UK) की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस दौरान माना जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (UK PM Rishi Sunak) के सामने कश्मीर का मसला (Kashmir Issue) उठा सकते है। जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक यूके ने इस मसले पर ‘तीसरे अंपायर’ की भूमिका स्वीकार की है।
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29 जनवरी को ब्रिटेन के कई शहरों में BBC की डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होगा।
लंदन: गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित BBC की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ का ब्रिटेन में ही विरोध शुरू हो गया है। 29 जनवरी यानी कि रविवार को दोपहर 12 बजे ब्रिटेन के 5 बड़े शहरों में बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। हिंदू विरोधी और भारत विरोधी करार दी जा रही इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध ब्रिटेन की राजधानी लंदन के अलावा ग्लास्गो, न्यूकासल, मैनचेस्टर और बर्मिंगम में किया जाएगा।
भारत ने कहा, ‘यह प्रॉपेगैंडा का एक हिस्सा’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित BBC की इस डॉक्यूमेंट्री को भारत ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार दे चुका है। भारत ने कहा था कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने BBC की इस डॉक्यूमेंट्री के बारे में कहा था कि यह एक ‘गलत नैरेटिव’ को आगे बढ़ाने के लिए प्रॉपेगैंडा का एक हिस्सा है। बागची ने कहा था कि यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडा के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।
पीएम मोदी के बचाव में उतरे ऋषि सुनक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बचाव कर चुके हैं। बीबीसी के वृतचित्र में दावा किया गया है कि 2002 के गुजरात दंगों में भारतीय नेता की कथित भूमिका के बारे में ब्रिटिश सरकार को पता था। सुनक से जब यह पूछा गया कि क्या वह इसमें किये गये दावों से सहमत हैं कि ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीधे तौर पर जिम्मेदार थे’ तो उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तानी मूल के विपक्षी सांसद इमरान हुसैन द्वारा पीएम मोदी के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्द पर ब्रिटिश सरकार की स्थिति स्पष्ट है और यह बिल्कुल भी नहीं बदली है।
कई छात्र संगठन कर रहे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग
बता दें कि भारत में इस डॉक्यूमेंट्री का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है, तो कुछ कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में विभिन्न छात्र संगठन इसकी स्क्रीनिंग कर रहे हैं। इससे पहले सरकार ने डॉक्यूमेंट्री का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे। इसके बावजूद कई छात्र संगठन अपने-अपने संस्थानों में इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कर रहे हैं।
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यरूशलम: पूर्वी यरूशलम में एक इजरायली बस्ती में शुक्रवार रात हुई गोलीबारी में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। इजराइल की मैगन डेविड एडोम आपातकालीन सेवा के अनुसार घायलों का उपचार किया जा रहा है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली मीडिया ने बताया कि हमला यहूदी मंदिर में हुआ और पड़ोस की एक सड़क तक फैल गया। यह घटना गाजा पट्टी से फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा इजरायल में रॉकेट दागे जाने के घंटों बाद हुई। राकेट हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इसके पहले गुरुवार को कब्जे वाले वेस्ट बैंक में जेनिन शरणार्थी शिविर में एक छापे में इजरायली बलों ने 61 वर्षीय एक महिला सहित नौ फिलिस्तीनियों को मार डाला था, तब से तनाव अधिक है। इजराइल ने कहा कि आतंकवादी दस्ते को विफल करने के लिए छापे मारे गए, जिसने इजराइलियों के खिलाफ हमले की योजना बनाई थी।
60 साल की महिला की भी मौत
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली सेटेलमेंट के पास सिनेगॉग के सामने एक कार आकर रुकी। इसमें से एक हथियारबंद हमलावर बाहर निकला और फायरिंग शुरु कर दी। संदिग्ध का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इमरजेंसी सर्विस के मुताबिक में मरने वालों में एक 60 साल की महिला और 15 साल का बच्चा भी शामिल है। घटनास्थल से आए वीडियो में दिख रहा है कि लोग सड़कों पर पड़े हुए हैं और इमरजेंसी सर्विस उनका इलाज कर रही है।
हमलावर मारा गया
पहले पुलिस के बयान में कहा गया था कि यरूशलेम में एक आतंकी हमला हुआ था और हमलावर को मार गिराया गया। पुलिस ने बाद में कहा कि हमलावर की उम्र 21 साल थी। उसने अकेले ही हमले को अंजाम दिया। हमले के बाद उसने अपनी कार से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसका पीछा किया और ढेर कर दिया।