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अमेरिका के लॉस एंजिल्‍स में किसने बनवाया इतना विशाल स्‍वामीनारायण मंदिर, जानिए इसकी खासियतें

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लॉस एंजिल्‍स: भारत के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को लॉस एंजिल्‍स स्थित प्रसिद्ध स्‍वामीनारायण मंदिर के दर्शन किए। इसके बाद उन्‍होंने एक फोटोग्राफ भी ट्वीट की। कैलिफोर्निया के दक्षिण में स्थित लॉस एंजिल्‍स में हॉलीवुड के करीब स्थित यह मंदिर यहां बसे हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की तरफ से बनवाये गए इस मंदिर की भव्यता और दिव्यता देखते ही बनती है। मंदिर की कई खास बाते हैं जो इसे सबसे अलग बनाती हैं। मंदिर का उद्घाटन दिसंबर 2012 में हुआ था और तब से इसकी लोकप्रियता में खासा इजाफा हुआ है।

100 मिलियन डॉलर की लागत
इस मंदिर के निर्माण में करीब 100 मिलियन डॉलर की लागत आई है। मंदिर का उद्घाटन क्रिसमस के मौके पर हुआ था लेकिन हिंदुओं के लिए मौका दिवाली से कम नहीं था। 21 एकड़ से ज्‍यादा के हिस्‍से में फैले इस मंदिर का निर्माण साल 2009 में शुरू हुआ था। खुलने के बाद मंदिर कैलिफोर्निया और लॉस एंजिल्‍स में भारतीय आबादी के लिए प्रमुख अध्‍यात्मिक केंद्र बन गया। BAPS के अधिकारियों के मुताबिक उनकी तरफ से पूरी दुनिया में 100 से ज्‍यादा मंदिर संचालित हो रहे हैं। इनमें से 50 मंदिर यूके और अमेरिका में है। लॉस एंजिल्‍स स्थित स्‍वामीनारायण मंदिर में भव्‍यता का प्रतीक है। तनोट माता का चमत्कार! पाकिस्तान ने 3000 बम दागे, 450 गोले मंदिर परिसर में गिरे लेकिन एक भी नहीं फटा
राजस्‍थान से आया गुलाबी पत्‍थर
मंदिर में लगा गुलाबी पत्‍थर खासतौर पर राजस्‍थान से भेजा गया था। इसके अलावा मंदिर में इटैलियन मार्बल लगा है जिसे मंदिर में खासतौर पर प्रयोग किया गया। मंदिर के अधिकारियों की मानें तो मंदिर को शिल्‍प शास्‍त्र के सिद्धांतों को मानते हुए नागराडी स्‍टाइल में तैयार किया गया है। मंदिर में एक क्‍लासरूम, जिम, एक डाइनिंग हॉल, नाश्‍ते की दुकान, प्रदर्शनी हॉल और लिविंग क्‍वार्ट्स भी हैं। इसके अलावा यहां पर खास शाकाहारी नाश्‍ता मिलता है और साथ ही मिठाई शॉप भी आकर्षण का केंद्र है। उत्‍तरी अमेरिका में यह पांचवां पारंपरिक हिंदु मंदिर है।

सोलर सिस्‍टम वाला मंदिर
इस मंदिर के निर्माण में 900 कार्यकर्ताओं ने अपना योगदान दिया था। साल 2011 में इसकी ऊंचाई बढ़ाकर इसे 78 फीट तक किया गया। मंदिर को आसानी से चिनो हिल्‍स से देखा जा सकता है। मंदिर में दो विशाल गुबंद, चार बालकनी, 122 खंभे और 129 तोरणद्वार हैं। 1000 साल तक टिक सकने वाला यह मंदिर एक इको-फ्रेंडली मंदिर है और सौर ऊर्जा से संचालित होता है। सोलर सिस्‍टम की वजह से वातावरण में 1556 टन कार्बन डाई ऑक्‍साइड कम होती है।



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अमेरिका के एक स्कूल में गोलीबारी, 6 लोगों की मौत, पुलिस ने महिला शूटर को भी मार गिराया

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Image Source : फाइल फोटो
सांकेतिक तस्वीर

एक बार फिर अमेरिका में गोलीबारी की खबर सामने आ रही है। मामला टेनेसी राज्य के एक स्कूल है जहां एक लड़की शूटर ने हमला किया है। इस दौरान 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। वहीं पुलिस ने शूटर को भी मार गिराया गया है। संदिग्ध ने एक साइड दरवाजे से प्रवेश द्वार के माध्यम से इमारत में प्रवेश किया था। 


अधिकारियों ने कहा कि नैशविले के एक निजी ईसाई स्कूल में सोमवार को हुई गोलीबारी में संदिग्ध की मौत हो गई है। वहीं नैशविले अग्निशमन विभाग ने ट्विटर पर कहा कि कई मरीज हैं लेकिन उनकी स्थिति तत्काल स्पष्ट नहीं है। 

 आर्कन्सास राज्य में भी हुई थी फायरिंग

इससे पहले अमेरिका के आर्कन्सास राज्य की पुलिस ने कहा कि रविवार रात को गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गयी तथा पांच लोग घयल हो गए। लिटल रॉक पुलिस विभाग ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि आपात सेवाओं को रात नौ बजकर 25 मिनट पर गोलीबारी की सूचना मिली।

जांच में जुटी पुलिस

घटना में दो लोगों को चोटें आयीं, लेकिन वो जानलेवा नहीं थीं। पुलिस ने बताया कि कुछ देर बाद नजदीकी इलाके में गोलीबारी की दूसरी घटना हुई, जिसमें पांच अन्य लोगों को गोली मारी गई। इनमें से दो लोगों की मौत हो गयी। गोलीबारी की दोनों घटनाएं एशर एवेन्यू के पास स्थित इलाकों में हुईं, लेकिन पुलिस ने अभी इनके आपस में जुड़े होने कोई जानकारी नहीं दी है। पुलिस ने बताया कि दोनों घटनाओं की जांच की जा रही है।

 

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कंगाल पाकिस्तान पर चौतरफा मार, अब जीवन रक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिन्ना का देश

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कंगाल पाकिस्तान पर चौतरफा मार, अब जीवन रक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिन्ना का देश

कराचीः कंगाल पाकिस्तान में खाने से लेकर पेट्रोल, बिजली और हर जरूरत की वस्तुओं की किल्लत बनी हुई है। पाकिस्तान का सरकारी खजाना खाली हो चुका है।  अब तो हालत यह हो गई है। जिन्ना के इस कंगाल देश में जीवन रक्षक दवाओं की भी कमी हो गई है। 

पाकिस्तान की दवा नियमितता प्राधिकरण (डीआरएपी) की मूल्य निर्धारण नीति और रुपये में गिरावट के कारण पाकिस्तान में अधिकांश आयातित और महत्वपूर्ण दवाओं की अत्यधिक कमी हो गई है, मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। द न्यूज ने बताया, फार्मासिस्ट और जैविक उत्पादों के आयातक अब्दुल मन्नान ने कहा- डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा के अत्यधिक मूल्यह्रास और पाकिस्तान की ड्रग रेगुलरिटी अथॉरिटी (डीआरएपी) की विवादास्पद दवा मूल्य निर्धारण नीति के कारण, उनकी कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं और आयातकों के लिए उन्हें डीआरएपी द्वारा दी गई मौजूदा कीमतों पर लाना आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो गया है।

दवाओं के आपूर्तिकर्ताओं और अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाओं को आयातित टीकों, कैंसर उपचारों, प्रजनन दवाओं और एनेस्थीसिया गैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि विक्रेताओं ने डॉलर-रुपये की असमानता के कारण अपनी आपूर्ति बंद कर दी है।

द न्यूज ने बताया कि फिलहाल, सबसे महत्वपूर्ण दवा जो स्वास्थ्य सुविधाओं को नहीं मिल रही है, वह हेपरिन है, जो कुछ हृदय संबंधी प्रक्रियाओं के बाद इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह, विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए आइसोफ्लुरेन, सेवोफ्लुरेन के साथ-साथ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी जैसी कुछ महत्वपूर्ण संवेदनाहारी गैसों के साथ-साथ मानव क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) और मानव रजोनिवृत्ति संबंधी गोनाडोट्रोपिन (एचएमजी) जैसे प्रजनन उत्पादों को भी डॉलर-रुपये की असमानता और डीआरएपी की मूल्य निर्धारण नीति के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है।

हालांकि अधिकांश ओरल दवाएं जिनमें सिरप, टैबलेट और इंजेक्शन शामिल हैं, स्थानीय रूप से उत्पादित की जाती हैं, लेकिन भारत, चीन, रूस, यूरोपीय देशों के साथ-साथ अमेरिका और तुर्की से पाकिस्तान सभी टीकों, कैंसर रोधी दवाओं और उपचारों, हार्माेन, प्रजनन दवाओं के साथ-साथ अन्य उत्पादों सहित अधिकांश जैविक उत्पादों का आयात करता है।

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इजरायल में विवादित न्यायिक सुधार कानून निलंबित, आखिर नेतन्याहू को झुकना ही पड़ा

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बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल के विवादित न्यायिक सुधार कानून को निलंबित कर दिया है। इसे अब इजरायली संसद में दोबारा चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। इस कानून के विरोध में इजरायल में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रिजर्व सैनिक और इजरायली दूतावासों ने भी विरोध में हड़ताल की है।

 



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