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रूस में परमाणु बमवर्षक विमानों को देखते उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने खतरनाक इरादों के साथ कई दिनों से रूस की यात्रा पर हैं। इस दौरान वह रूस की हथियार और विमान बनाने वाली फैक्ट्रियों का जायजा ले रहे हैं। रूस और उत्तर कोरिया के बीच तथाकथित हथियारों की डील दुनिया को डराने वाली है। उत्तर कोरिया जहां इस डील में यूक्रेन की बर्बादी तय करने वाले खतरनाक परमाणु मिसाइलों और बमों व गोला-बारूद की खेप देगा तो वहीं इसके बदले में उसे रूस से परमाणु बम वर्षक विमान और अमेरिका व दक्षिण कोरिया की तबाही वाले हथियार चाहिए। इसका मतलब क्या माना जाय कि वाकई उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। किम जोंग उन स्वयं अपनी सेना को कई बार पिछले दिनों युद्ध की तैयारी करने का स्पष्ट आदेश दे चुके हैं।
इतना ही नहीं हाल ही में किम जोंग उन ने खतरनाक परमाणु पनडुब्बी बनाने का दावा किया है। उत्तर कोरिया ने इस परमाणु पनडुब्बी का विकास अमेरिका से मुकाबले के लिए किया है। किम जोंग उन अपने देश की सेना को लगातार बैलिस्टिक और परमाणु मिसाइलों से लैस करते जा रहे हैं। अमेरिका और दक्षिण कोरिया की चेतावनियां व धमकियों को वह पैरों तले रौंदते हुए आगे बढ़ रहे हैं। विश्लेषकों के अनुसार उत्तर कोरिया के पास खतरनाक परमाणु बमों का जखीरा भी मौजूद है। अब वह इसके लिए रूस से परमाणु बम वर्षक विमान चाहते हैं।
रूस के इस बंदरगाह पहुंचकर किम जोंग ने देखे परमाणु बम वर्षक
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन शनिवार सुबह रूस के सुदूर बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक पहुंचे, जहां उन्हें परमाणु हमले करने में सक्षम बम वर्षक विमान दिखाए गए। किम दिन में व्लादिवोस्तोक में रूस के प्रशांत बेड़े में शामिल नौसैनिक पोत का जायजा लेने जा सकते हैं। रूस के प्रिमोर्स्की क्षेत्र के गवर्नर ओलेग कोझेम्याको ने व्लादिवोस्तोक से लगभग 40 किलोमीटर (25 मील) उत्तर-पूर्व में आर्त्योम शहर में किम के आने की घोषणा की। गवर्नर ने एक मैसेजिंग ऐप पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें किम हरे-पीले रंग की ट्रेन से मुस्कराते हुए उतरते दिख रहे हैं और स्कूल के बच्चे उन्हें फूल दे रहे हैं। आर्त्योम पहुंचने के बाद किम व्लादिवोस्तोक हवाई अड्डे पहुंचे, जहां रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और अन्य सैन्य अधिकारियों ने उन्हें परमाणु हमले करने में सक्षम बमवर्षक विमान और अन्य युद्धक विमान दिखाए।
रूस ने उत्तर कोरिया को भेंट में दी ये खतरनाक मिसाइल
किम जोंग उन को खुश करने में रूस भी कोई कोर-कसर बाकी नहीं रख रहा है। रूसी रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु ने किम को रूस की नवीनतम मिसाइल ‘हाइपरसोनिक किंझल’ भी भेंट की, जिन्हें मिग-31 लड़ाकू विमान के जरिये दागा जाता है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक मीडिया ने शनिवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि किम रूस के अत्याधुनिक युद्धक विमानों का निर्माण करने वाली फैक्टरी को देखकर ‘‘बेहद प्रभावित’’ हुए हैं। किम की यह यात्रा बुधवार को वोस्तोचनी स्पेसपोर्ट में उनके और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत और शुक्रवार को कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर में विमान निर्माण संयंत्र के उनके दौरा के बाद हो रही है।
मास्को को हथियार मुहैया कराएंगे किम जोंग
किम जोंग उन अपनी बख्तरबंद ट्रेन से मंगलवार को रूस पहुंचे थे। उन्होंने हथियारों और प्रौद्योगिकी से जुड़े कई स्थलों का दौरा किया। रूस और उत्तर कोरिया पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं तथा उन्हें अलग-थलग कर दिया है। विशेषज्ञों का मनना है कि दोनों देश अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा कर रहे हैं। अमेरिका और उसके सहयोगियों की चिंता है कि किम यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच मॉस्को को हथियार मुहैया करा सकते हैं और बदले में उत्तर कोरिया को रूस से उन्नत प्रौद्योगिकी मिल सकती है। अमेरिका इससे आशंकित होकर हथियारों की डील मामले पर रूस और उत्तर कोरिया को सख्त चेतावनी भी दे चुका है।
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भारतीयों को जारी किए 10 लाख से ज्यादा वीजा
America-India Visa: अमेरिका में भारतीयों को दूतावास ने 10 लाख से अधिक वीजा जारी किए हैं। साल 2023 में यह आंकड़ा 2019 के आंकड़े से 20 फीसदी अधिक है। इस तरह अमेरिकी मिशन ने 2023 में 10 लाख गैर-आप्रवासी वीजा आवेदनों को संसाधित करने के अपने लक्ष्य को पार कर लिया है। अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को घोषणा की कि मिशन ने 2022 में संसाधित मामलों की कुल संख्या को पहले ही पार कर लिया है। साथ ही महामारी 2019 से पहले की तुलना में लगभग 20% अधिक आवेदनों पर कार्रवाई कर रहा है।
भारत से रिश्ते हुए और मजबूत
भारत में राजदूत एरिक गार्सेटी ने दूतावास के एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, ‘भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय सहयोग और संबंध काफी गहरे हैं। साथ ही दोनों देशों के रिश्ते सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है। हमारे लोगों के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं। यही नजीं, हम आने वाले महीनों में अधिक से अधिक भारतीय आवेदकों को अमेरिका की यात्रा करने और अमेरिका-भारत मित्रता का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर देने के लिए वीजा कार्य की रिकॉर्ड-सेटिंग मात्रा जारी रखेंगे’।
कितना है रोजगार वीजा आवेदकों का आंकड़ा
पिछले वर्ष, 1.2 मिलियन से अधिक भारतीयों ने अमेरिका की विजिट की। यह विश्व में सबसे मजबूत यात्रा संबंधों में से एक बन गया। अमेरिकी दूतावास के मुताबिक भारतीय अब दुनियाभर में सभी वीजा आवेदकों में से 10 प्रतिशत से अधिक का रिप्रेजेंट करते हैं। इसमें सभी छात्र वीजा आवेदकों में से 20 फीसदी और सभी एच एंड एल-श्रेणी (रोजगार) वीजा आवेदकों में से 65 फीसदी शामिल हैं।
अमेरिकी वीजा की निरंतर मांग को ध्यान में रखते हुए, दूतावास ने कहा कि अमेरिका भारत में अपने परिचालन में भारी निवेश कर रहा है। पिछले वर्ष में, मिशन ने पहले से कहीं अधिक वीज़ा प्रसंस्करण की सुविधा के लिए अपने स्टाफ का विस्तार किया है। मिशन ने मौजूदा सुविधाओं, जैसे चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, में महत्वपूर्ण पूंजीगत सुधार किए हैं और हैदराबाद में एक नए वाणिज्य दूतावास भवन का उद्घाटन किया है।
एरिक ने सौंपा 10 लाख वां वीजा
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने व्यक्तिगत रूप से एक कपल को दस लाख वां वीजा सौंपा है, जो एमआईटी में अपने बेटे के स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए अमेरिका जा रहे हैं। लेडी हार्डिंग कॉलेज की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रंजू सिंह अमेरिकी दूतावास से इस वर्ष अपना दस लाख का वीजा मिलने के बारे में एक ईमेल प्राप्त करके बहुत खुश थीं। उनके पति पुनीत दर्गन को अगला वीजा दिया गया।
करीब 30 वर्षों की लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार अजरबैजान ने फिर से नागोर्नो-काराबाख पर कब्जा पा लिया है। अभी तक यह शहर आर्मीनिया के अधीन था। यहां आर्मीनिया के सैनिकों का शासन था। मगर पिछले कई वर्षों से आर्मीनिया और अजरबैजान में नागोर्नो-काराबाख के लिए भीषण जंग हुई है। दोनों पक्षों की ओर से हजारों सैनिकों और लोगों की जानें गई। अब जाकर अजरबैजान ने नागोर्नो-काराबाख को अपने कब्जे में ले लिया है। लिहाजा अब यहां की अलगाववादी सरकार भी शीघ्र ही भंग हो जाएगी।
नागोर्नो-काराबाख की अलगाववादी सरकार ने बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि एक जनवरी 2024 तक खुद को भंग कर देगी। हाल ही में अजरबैजान ने अपने से अलग हुए क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के लिए आक्रामक कार्रवाई की थी और नागोर्नो-काराबाख में आर्मीनियाई सैनिकों से अपने हथियार डालने तथा अलगाववादी सरकार से खुद को भंग करने के लिए कहा था। इसके बाद नागोर्नो-काराबाख की अलगाववादी सरकार की ओर से यह ऐलान किया गया है।
अलगाववादियों ने 30 वर्षों तक किया नागोर्नो-काराबाख पर शासन
नागोर्नो-काराबाख पर लगभग 30 वर्षों तक अलगाववादियों का शासन था। नागोर्नो-काराबाख पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने के बाद अजरबैजान ने बुधवार को कहा कि क्षेत्र की अलगाववादी सरकार के पूर्व प्रमुख को आर्मेनिया में घुसने की कोशिश के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। अजरबैजान के सीमा सुरक्षा बल ने रुबेन वर्दनयान की गिरफ्तारी की घोषणा की। बल ने कहा कि वर्दनयान को देश की राजधानी बाकू ले जाकर ‘‘संबंधित प्राधिकारियों’’ को सौंप दिया गया, जो उनके बारे में फैसला करेंगे। (एपी)
ऑस्ट्रेलियाई सांसदों द्वारा ताइवान का दौरान करने पर चीन बुरी तरह बौखला गया है। ड्रैगन ने ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे की आलोचना की है। ऑस्ट्रेलिया के लिए चीन के राजदूत ने ताइवान जाने वाले आस्ट्रेलियाई नेताओं की बृहस्पतिवार को खूब आलोचना की और कहा कि स्वशासित द्वीप के अलगाववादी उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। राजदूत के इस बयान से चीन की बौखलाहट को समझा जा सकता है। राजदूत शिआओ किआन ने यह बात इस सप्ताह ताइवान गए ऑस्ट्रेलियाई संसदीय प्रतिनिधिमंडल के संदर्भ में सिडनी में कही।
इस यात्रा के अलावा एक पूर्व प्रधानमंत्री की अगले माह ताइपे में भाषण देने की भी योजना है। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है। शिआओ ने कहा कि ताइवान जाने वाले ऑस्ट्रेलियाई सांसद तथा पूर्व प्रधानमंत्री‘‘ का राजनीतिक महत्व है।’’ चीनी राजदूत ने कहा, ‘‘ताइवान में राजनीतिक शक्तियां अपने अलगाववादी अंदोलन के लिए इसका आसानी से इस्तेमाल कर लेंगी और मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उम्मीद करता हूं कि वे एक चीन नीति को मानेंगे और ताइवान के साथ किसी भी तरीके से कामकाज करने से दूरी बनाएंगे ताकि वे राजनीतिक उद्देश्य रखने वाले द्वीप के लोगों द्वारा राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल नहीं हों।
राजदूत ने कहा-चीन का हिस्सा है ताइवान
चीनी राजदूत ने कहा कि’’ ‘एक चीन नीति’ के अनुसार कम्युनिस्ट पार्टी चीन की सरकार है और ताइवान देश का हिस्सा है। चीन की सरकार ने ताइवान की सत्तारुढ़ पार्टी पर बुधवार को स्वतंत्रता हासिल करने की कोशिश का आरोप लगाया था। इससे एक दिन पहले राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने दौरे पर आए छह ऑस्ट्रेलियाई सांसदों के साथ बैठक में एक क्षेत्रीय व्यापार समझौते में शामिल होने के लिए ऑस्ट्रेलिया के समर्थन की पैरवी की थी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की 11 और 12 अक्टूबर को ताइपे में युशान फोरम को संबोधित करने की योजना है। (एपी)