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अनावश्यक प्रतिबंध

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बीएस संपादकीय / नई दिल्ली September 11, 2022






गेहूं तथा उसके उत्पादों पर रोक लगाने के कुछ माह बाद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने गलत समय गलत कदम उठाया है। उबले चावल और बासमती चावल के रूप में दो उन्नत प्रकारों को छोड़ दिया जाए तो शेष हर प्रकार के चावल के निर्यात पर या तो रोक लगा दी गई है या फिर उस पर 20 प्रतिशत का उच्च आयात शुल्क लगाकर निर्यात की संभावनाओं को लगभग समाप्त ही कर दिया गया है। ये कदम इस प्रमुख अनाज की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और आपूर्ति को यकीनन प्रभावित करेंगे। इससे खाद्यान्न की कमी से जूझ रहे देशों में खाद्य सुरक्षा का संकट और गंभीर हो जाएगा। कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन विवाद के चलते जिस समय वै​श्विक अन्न आपूर्ति बा​धित थी उस समय भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाकर पहले ही वै​श्विक नेताओं और संगठनों की नाराजगी मोल ली थी। यह बात इस तथ्य के बावजूद थी कि भारत वै​श्विक बाजार के प्रमुख गेहूं आपूर्तिकर्ताओं में शामिल नहीं था। परंतु चावल के मामले में भारत न केवल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है ब​ल्कि 40 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ वह सबसे बड़ा निर्यातक भी है। ऐसे में भारत से चावल के निर्यात को अचानक रोके जाने से वै​श्विक चावल बाजार में उथलपुथल मच जाएगी। ब​ल्कि यह दांव उलटा भी पड़ सकता है और अनाज के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता और विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार की उसकी छवि को नुकसान पहुंचाकर उसके ही हितों को नुकसान पहुंचा सकती है।

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चावल निर्यात पर प्रतिबंध को उचित ठहराना किसी भी दृष्टि से खासा मु​श्किल है। हालांकि यह स्वीकार करना होगा कि चालू खरीफ सत्र में धान की बोआई का रकबा मॉनसूनी बारिश की अनि​श्चितता की वजह से कम हुआ है। मॉनसून के अनि​श्चित रहने से धान के उत्पादन वाले इलाके में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, प​श्चिम बंगाल और झारखंड शामिल हैं। हालांकि देश के समग्र चावल उत्पादन पर इसका बहुत अ​धिक असर पड़ने की संभावना नहीं है। ऐसा इसलिए कि इन राज्यों में सामान्य धान उत्पादन काफी कम है। आ​धिकारिक आंकड़ों पर नजर डालें तो खरीफ के समग्र उत्पादन में 40 से 50 लाख टन से ज्यादा की कमी नहीं आएगी। ऐसे में चावल की कुल उपलब्धता पिछले वर्ष के स्तर के आसपास रह सकती है। पिछले वर्ष हमारे पास चावल का काफी अ​धिशेष भंडार था और हमने 2.1 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। गत माह सरकार के चावल भंडार के बारे में अनुमान था कि यह बफर स्टॉक और जरूरी रणनीतिक भंडार की तुलना में कम से कम दोगुना है। कृ​षि मंत्रालय ने कहा है कि खरीफ उत्पादन में अनुमानित कमी की भरपाई रबी के मौसम में की जा सकती है। यानी देश में चावल के अ​धिशेष की ​स्थिति बनी रहेगी।

इसके अलावा निर्यात पर प्रतिबंध का समय भी अनुचित माना जा रहा है। यह प्रतिबंध धान की फसल कटाई के मौसम के ठीक पहले लगाया गया है। फसल कटाई का मौसम इस महीने के अंतिम सप्ताह में आरंभ होगा। इस निर्णय की बदौलत घरेलू कीमतों में जो गिरावट आएगी उसका असर किसानों की आय पर पड़ना तय है। इससे उनका संकट और बढ़ेगा और ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक वस्तुओं और सेवाओं की मांग पर भी विपरीत असर पड़ेगा। संयुक्त किसान मोर्चा (दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक चले विरोध प्रदर्शन का अगुआ संगठन) समेत कई संगठनों ने पहले ही उच्च कीमतों तथा कृषि उपज के सुनि​श्चित विपणन के समर्थन में प्रदर्शन दोबारा शुरू करने की चर्चा छेड़ दी है। ऐसे समय पर जबकि अन्न उत्पादकों को फसल की आकर्षक कीमत देना सुनि​श्चित करना चाहिए उस वक्त निर्यात में कटौती जैसे अदूरदर्शी निर्णय की कीमत चुकानी पड़ सकती है। 

Keyword: गेहूं, शुल्क, बाजार, यूक्रेन, रूस, प्रतिबंध, निर्यात, रिकॉर्ड, कारोबारी,































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सेंसेक्स 400 अंक से अधिक गिर गया, निफ्टी 17,900 के नीचे बंद हुआ

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डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पांचवे और आखिरी दिन (06 जनवरी 2023, शुक्रवार) गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सेंसेक्स 452.90 अंक यानी कि 0.75% की गिरावट के साथ 59,900.37 के स्तर पर बंद हुआ।

वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 132.70 अंक यानी कि 0.74% की गिरावट के साथ 17,859.45 के स्तर पर बंद हुआ।

आपको बता दें कि, सुबह बाजार सपाट स्तर पर खुला था। इस दौरान सेंसेक्स 77.23 अंक यानी कि 0.13% बढ़कर 60,430.50 के स्तर पर खुला था। वहीं निफ्टी 24.60 अंक यानी कि 0.14% बढ़कर 18,016.80 के स्तर पर खुला था।

जबकि बीते कारोबारी दिन (05 जनवरी 2023, गुरुवार) बाजार सपाट स्तर पर खुला था और गिरावट के साथ बंद हुआ था। इस दौरान सेंसेक्स 304.18 अंक यानी कि 0.50% गिरावट के साथ 60,353.27 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 50.80 अंक यानी कि 0.28% गिरावट के साथ 17,992.15 के स्तर पर बंद हुआ था।



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सेंसेक्स में 77 अंकों की मामूली बढ़त, निफ्टी 18 हजार के पार खुला

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डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पांचवे और आखिरी दिन (06 जनवरी 2023, शुक्रवार) भी सपाट स्तर पर खुला। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही हरे निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सेंसेक्स 77.23 अंक यानी कि 0.13% बढ़कर 60,430.50 के स्तर पर खुला।

वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 24.60 अंक यानी कि 0.14% बढ़कर 18,016.80 के स्तर पर खुला।

शुरुआती कारोबार के दौरान करीब 1205 शेयरों में तेजी आई, 679 शेयरों में गिरावट आई और 115 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

आपको बता दें कि, बीते कारोबारी दिन (05 जनवरी 2023, गुरुवार) बाजार सपाट स्तर पर खुला था इस दौरान सेंसेक्स 44.66 अंक यानी कि 0.07% बढ़कर 60702.11 के स्तर पर खुला था। वहीं निफ्टी 17 अंक यानी कि 0.09% ऊपर 18060.00 के स्तर पर खुला था। 

जबकि, शाम को बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था। इस दौरान सेंसेक्स 304.18 अंक यानी कि 0.50% गिरावट के साथ 60,353.27 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 50.80 अंक यानी कि 0.28% गिरावट के साथ 17,992.15 के स्तर पर बंद हुआ था।



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पेट्रोल- डीजल की कीमतें हुईं अपडेट, जानें आज बढ़े दाम या मिली राहत

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल- डीजल (Petrol- Diesel) की कीमतों को लेकर लंबे समय से कोई बढ़ा अपडेट देखने को नहीं मिला है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कई बार जबरदस्त तरीके से गिर चुकी हैं। हालांकि, जानकारों का मानना है कि, आने वाले दिनों में कच्चा तेल महंगा होने पर इसका असर देश में दिखाई दे सकता है। फिलहाल, भारतीय तेल विपणन कंपनियों (इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) ने वाहन ईंधन के दाम में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है।

बता दें कि, आखिरी बार बीते साल में 22 मई 2022 को आमजनता को महंगाई से राहत देने केंद्र सरकार द्वारा एक्‍साइज ड्यूटी में कटौती की गई थी। जिसके बाद पेट्रोल 8 रुपए और डीजल 6 रुपए प्रति लीटर तक सस्‍ता हो गया था। इसके बाद लगातार स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। आइए जानते हैं वाहन ईंधन के ताजा रेट…

महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमत
इंडियन ऑयल (Indian Oil) की वेबसाइट के अनुसार आज देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं बात करें डीजल की तो दिल्ली में कीमत 89.62 रुपए प्रति लीटर है। आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 106.35 रुपए प्रति लीटर है, तो एक लीटर डीजल 94.27 रुपए में उपलब्ध होगा। 

इसी तरह कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल के लिए 106.03 रुपए चुकाना होंगे जबकि यहां डीजल 92.76 प्रति लीटर है। चैन्नई में भी आपको एक लीटर पेट्रोल के लिए 102.63 रुपए चुकाना होंगे, वहीं यहां डीजल की कीमत 94.24 रुपए प्रति लीटर है।   

ऐसे जानें अपने शहर में ईंधन की कीमत
पेट्रोल-डीजल की रोज की कीमतों की जानकारी आप SMS के जरिए भी जान सकते हैं। इसके लिए इंडियन ऑयल के उपभोक्ता को RSP लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। वहीं बीपीसीएल उपभोक्ता को RSP लिखकर 9223112222 नंबर पर भेजना होगा, जबकि एचपीसीएल उपभोक्ता को HPPrice लिखकर 9222201122 नंबर पर भेजना होगा, जिसके बाद ईंधन की कीमत की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

 



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