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ध्रुवाक्ष साहा / नई दिल्ली 09 29, 2022 |
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अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने मेरठ- प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे के क्रियान्वयन को लेकर फंड की व्यवस्था कर ली है। इसकी जानकारी कंपनी ने गुरुवार को दी।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) से इस परियोजना को हासिल करने के 9 महीने बाद कंपनी ने फाइनेंशियल क्लोजर हासिल कर लिया है। इसका मतलब ये हुआ कि अब इस प्रोजेक्ट के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज को कर्ज मिल सकेगा।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से 10,238 करोड़ रुपये का फाइनेंशियल क्लोजर हासिल कर लिया है।
अदाणी एंटरप्राइजेज की इस महत्वाकांक्षी परियोजना की फंडिंग भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने की है। मेरठ और प्रयागराज को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे के 464 किलोमीटर (किमी) खंड के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी। यह परियोजना कुल 23,060 करोड़ रुपये का है।
AEL के रोड बिजनेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केपी माहेश्वरी ने कहा कि अदाणी एंटरप्राइजेज की तीन सब्सिडियरीज बदायूं-हरदोई रोड प्राइवेट लिमिटेड, हरदोई-उन्नाव रोड प्राइवेट लिमिटेड और उन्नाव-प्रयागराज रोड प्राइवेट लिमिटेड मिलकर इस परियोजना का विकास करेंगी। इस परियोजना के लिए एसबीआई ने 10,238 करोड़ रुपये की समूची कर्ज जरूरत को पूरा करने पर सहमति दे दी है।AEL ने परियोजना के तीन अलग अलग हिस्सों के लिए तीन SPV की स्थापना की है। ये तीन SPV हैं बदायूं हरदोई रोड प्राइवेट लिमिटेड (BHRPL), हरदोई उन्नाव रोड प्राइवेट लिमिटेड (HURPL) और उन्नाव प्रयागराज रोड प्राइवेट लिमिटेड (UPRPL)। इन तीनों के अंदर परियोजना का 80 प्रतिशत भाग आता है।
AEL को पिछले साल दिसंबर में परियोजना डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBFOT) के आधार पर 30 साल की अवधि के लिए दी गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परियोजना का प्रारंभिक खर्च कथित तौर पर अनुमानत: 7,085 करोड़ रुपये पेश किया गया था।
भारत की सबसे महंगी राजमार्ग परियोजनाओं में एक गंगा एक्सप्रेसवे एक-छह लेन एक्सप्रेसवे है। जिसे आठ लेन तक विस्तार किया जा सकता है।
AEL के पास अभी तक कुल 6,400 किलोमीटर की 18 परियोजना और 44,000 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम कर रहा है। AEL का काम भारत के दस राज्यों, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा में फैले हुआ है।
कंपनी ने हाल ही में 3110 करोड़ रुपये में मैक्वेरी एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से गुजरात और आंध्र प्रदेश में चार टोल सड़कों का अधिग्रहण किया है।